नई दिल्ली/ देहरादून 30 अप्रैल 2020 (हि. डिस्कवर)
देश भर में अपने राज्यों से बाहर नौकरी, शिक्षा, यात्रा-पर्यटन, इलाज व अन्य विभिन्न कारणों से गये लोग अब अपने घर वापस आ सकेंगे। सरकार ने द्वारा विगत बुधवार को एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके मुताबिक अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों को अपने घर भेजने की तैयारी है।
राज्य सरकारें इस तरह लायेंगी लॉकडॉउन में फंसे लोगों को घर
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी पत्र के आधार पर निर्देश जारी किए गए हैं कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने नोडल अधिकारी नियुक्त करने और फंसे हुए व्यक्तियों को वापस भेजने और लेने के लिए एक एसओपी की तैनाती करनी होगी। नई गाइडलाइन के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के इच्छुक लोगों के लिए सभी राज्यों ले नोडल अधिकारियों को अपने राज्य से अन्य राज्यों के साथ आपस में बात करनी होगी ताकि आपसी सामंजस्य बैठाया जा सके।
गृह मंत्रालय के अनुसार जिन्हें वापस अपने गांव शहर राज्य जाना है उनमें प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक और छात्र शामिल है। उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों की आवाजाही के लिए नई गाइडलाइन तैयार की है।
इन नियमों का पालन करेंगी राज्य सरकारें
यह तय है कि एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजे जा रहे लोगों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी व जांच के बाद ही लोगों को उनके गंतब्य तक भेजा जा सकेगा। अपने गंतव्य पर पहुंचने पर ऐसे लोगों को स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के जरिए क्वारनटीन किया जाएगा। साथ ही इन सभी लोगों को आरोग्य सेतु ऐप के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा नई गाइडलाइन के तहत अब प्रवासी लोग भी अपने घरों को जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिंवेद्र ने राज्य से बाहर फंसे उत्तराखण्डियों को दिया भरोसा।
बाहरी प्रदेशों में फंसे उत्तराखंडवासियों की जल्द वापसी की तैयारी के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं, बाहर फंसा जो भी उत्तराखंडी अपने राज्य लौटना चाहता है, उसकी वापसी के लिए सभी मानकों के अनुसार उचित प्रबंध किए जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर अपने ही राज्य में एक जिले से दूसरे जिले, और तो और एक ही जिले में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए सैकड़ों उत्तराखंडी समाज के लोग फंसे हुए हैं, जो ऑनलाइन एप्लीकेशन डालकर अपने गंतब्य जाने के लिए अनुरोध कर रहे हैं लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था पर सभी सवालिया निशान लगा रहे हैं कि सिर्फ जिनके व्यक्तिगत सोर्स हैं उन्हें ही पास निर्गत हो पा रहे हैं जबकि अन्य के आवेदन ही निरस्त कर दिए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल है।