Monday, February 3, 2025
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हिमालयन हॉस्पिटल इस अदृश्य क्रिएचर का सामना करने को तैयार। विजय धस्माना बोले-ब्रेक द चेन ऑफ कोरोना वायरस डिसीज-19!

(मनोज इष्टवाल)

यह सचमुच मानवता के लिए की जा रही हिमालयन हॉस्पिटल ट्रस्ट जौलीग्रांट की साहसिक व ईमानदार पहल कही जा सकती है क्योंकि जहां एक ओर विश्व भर में कोरोना के कहर से आतंकित है वहीं उत्तराखंड के देहरादून स्थित जौलीग्रांट हिमालयन हॉस्पिटल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर विजय धस्माना ने अपने समस्त स्टाफ को सन्देश जारी करते हुए साफ सुथरे शब्दों में कहा है कि आईये मानवता की सेवा को तप्पर हो जाये। हमें हर हाल में कोरोना नामक इस अज्ञात संक्रमण की कमर तोड़नी है।

अपने संदेश में विजय धस्माना ने स्पष्ट कहा कि इस संक्रमण के चलते विश्व की स्वास्थ्य सेवाएं ही नहीं अपितु विश्व का पूरा वैश्विक बाजार धाराशायी हो गया है। यह एक ऐसा अदृश्य क्रीचर है जो हमारी आंखों से दिखाई नहीं दे रहे है। उसने विश्व भर के राष्ट्राध्यक्षों को रुलाकर रख दिया है।

उन्होंने कहा हैं कि वैज्ञानिक, शोधकर्ता, स्वास्थ्य का खयाल रखने वाले, प्रशासनिक, अर्थशास्त्री, व्यवसायी से लेकर एक छोटे से छोटा आदमी भी आज इस वायरस से घबरा का डरा सहमा हुआ है। समय-समय पर आदमी की प्राथमिकता बदलती रहती हैं । वर्तमान प्राथमिकता के आधार पर अगर देखा जाय तो हमें इस वायरस से युद्ध जीतना होगा। इससे निबटने के लिए वर्तमान में हमारे पास वृहद प्रचार प्रसार है। इससे निजात पाने के लिए हमें कुछ नियम संयम बनाये रखने होंगे तभी हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैं।

उन्होंने कहा है कि हमारा संस्थान विगत 25 बर्षों से भी ज्यादा समय से गुणवत्ता के साथ अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा है इसलिए हम इस चुनौती से भाग नहीं सकते। अगर ऐसे में हमारे पास कोई मरीज आता है तो उसकी सेवा में हमें तत्पर रहना होगा जिसके लिए सभी डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता है। इसके अलावा भी हमें सभी स्पोर्टिंग स्टाफ की सेवाओं की इस बिषम घड़ी में आवश्यकता है। उन्होंने दो नर्सों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पूछा बेटा डर तो नहीं लग रहा है? तब उनका जबाब था- सर हम डर नहीं रहे हम लड़ाई लड़ेंगे।

डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि उन दो नर्सों ने मेरे अंदर ऊर्जा भरी। आज जबकि पूरे प्रदेश देश व मानव जाति को हमारी सेवाओं की आवश्यकता है हमें पीछे नहीं हट सकते। इसमें चुनौतियां तो बहुत हैं लेकिन उनके लिए हमने सम्पूर्ण व्यवस्था कर ली है। डॉक्टर्स, नर्सों के लिए जितनी भी आवश्यक वस्तुवें हैं वह हम जोड़ चुके हैं। बहुत सारी कमेटियाँ बन चुकी हैं जो अपने अपने निर्धारित कार्य को सम्पूर्ण करने में लगी हैं।

उन्होंने डॉक्टर्स, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को कहा है कि मैं व्यक्तिगत तौर पर इस बात की जिम्मेदारी लेता हूँ कि अगर ऐसी आपातकालीन स्थिति में उनके परिवार को किसी भी जरूरत की आवश्यकता हुई तो वे पूरे मनोयोग से उनके साथ बने रहेंगे। डॉ धस्माना ने इंग्लैंड के एक डॉक्टर का उदाहरण पेश करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस जैसी संक्रमित बीमारी से बचाव के लिए वह डॉक्टर सेवानिवृत्त होने के 25 बर्ष बाद पुनः सर्विस देने उतरा है। यही असली मानवता का धर्म भी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि केदार आपदा में भी आप सभी लोग अपनी भागीदारी निभा चुके हैं व 400 मरीजों का तब आप लोगों ने इलाज किया है। अगर ऐसा कोई प्रकरण सामने आया तो मुझे विश्वास है कि आप लोग कभी पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने अपने संदेश में कहा कि इस वायरस ने पूरी विश्व की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी है इसलिए हम अपने वेतन की न सोचकर पहले सबसे निम्न दर्जे के स्टाफ के वेतन की चिंता करें ताकि उनकी रसोई जल सके। उन्होंने कहा है कि इस संकट की घड़ी में जब मानव जाति को आपकी सेवाओं की आवश्यकता है तब आप अपने कर्तब्य के प्रति विमुख नहीं होंगे। मुझे नहीं मालूम कि आने वाले कल में कितने मरीज इस संक्रमण से ग्रस्त होकर यहां आएंगे लेकिन इतना जानता हूँ कि आप चिकित्सा क्षेत्र को बहुत अच्छे से जानते हैं।

उन्होंने इसके अलावा भी अपने संदेश में कई बातें कही हैं। अंत में उन्होंने कहा है कि यह मेरे बाबा की हम सब पर कृपा है कि यहां से किसी की झोली खाली होकर नहीं गयी। अतः मेरी करबद्ध प्रार्थना है कि हम सब एकजुटता के साथ इस अदृश्य क्रीचर का सामना करने को तत्पर रहें।

सुनिए क्या कहते है डॉ विजय धस्माना:-

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