Friday, October 18, 2024
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फूलदेई त्यौहार पर गुरू और छात्रों की अनुकरणीय पहल!– चला फुलारियो फुलदेई मनोला, माटी थातीकु कर्ज चुकोला..।

ग्राउंड जीरो से संजय चौहान।

लोकसंस्कृति की फुलारी पर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला, धौलादेवी से एक बेहद ही खूबसूरत तस्वीर आई है। रा.प्रा. विद्यालय बजेला धौलादेवी अल्मोड़ा के सहायक अध्यापक भास्कर जोशी अपनी सृजनात्मकता पहल के लिए अपनी अलग पहचान बनाये हुये है इसी सृजनात्मक पहल के जरिए आज उन्होंने अपने विद्यालय में छात्रों के संग फूलदेई पर्व का आयोजन किया। बच्चो ने स्वयं फूलों की टोकरियों का निर्माण किया व उन्हें बुरांश ,प्योली आदि के फूलों से सजाया। सारे छात्रों नें टोकरी बहुत सुंदर बनाई थी लेकिन खुशी खनी नें टोकरी सबसे सुंदर सजाई। इस दौरान बच्चों नें पहाड़ के लोक का फूलदेई त्यौहार धूमधाम से मनाया।

गौरतलब है कि कल पहाड़ लोक में रचे बसे फूलदेई त्यौहार पूरे उत्तराखंड में मनाया जायेगा। फूल संक्रांति, फ्योंली के फूल और पहाड़ के लोक का लोकपर्व है फूलदेई त्यौहार। चैत महीने की संक्रांति को पूरे पहाड़ की खुशहाली के लिए फूलदेई का त्यौहार मनाया जाता है। फूलदेई त्यौहार पहाड़ के लोक में इस कदर रचा बसा है कि इसके बिना पहाड़ की परिकल्पना संभव नहीं है। फूलदेई त्यौहार में छोटे छोटे बच्चे घरों की देहली पर फूल डालते हैं और खुशियों की कामना करते हैं। विद्यालय के सहायक अध्यापक भास्कर जोशी नें बताया की बाल रचनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विगत वर्षों से हम विद्यालय में फूलदेई त्यौहार का आयोजन करते आये है। कल फूलदेई त्यौहार पर विद्यालय बंद रहेगा क्योंकि विभागीय आदेशानुसार 31 मार्च 2020 तक विद्यालय बंद रहने की सूचना बच्चो और उनके अभिभावकों को दी गयी है। इसलिए आज प्रातः विद्यालय में फूलदेई त्यौहार मनाया गया और बच्चो को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाओ के तरीकों के बारे में बताया गया।

आज पलायन की वजह से गांव के गांव खाली हो गयें हैं जिस कारण पहाड़ के पारंपरिक त्यौहार भी संकट में है। हालत इस कदर दुःखद हैं कि फूलदेई मनाने के लिए गांवों में बच्चे नहीं है। ऐसे में फूलदेई त्यौहार पर गुरू और छात्रों की लोकसंस्कृति को सहेजने की पहल वाकई अनुकरणीय है। लोक के संवाहक गुरू भास्कर जोशी और उनके छात्रों को बहुत बहुत बधाइयाँ..।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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