हरिद्वार/देहरादून 27 सितम्बर, 2019(हि. डिस्कवर)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारतीय औद्योगिक परिसंघ और उद्योग विभाग उत्तराखण्ड द्वारा कन्वेंशन हॉल बीएचईएल हरिद्वार में आयोजित दो दिवसीय औद्योगिक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने सिडकुल स्थित होटल हाइफन में उत्तराखण्ड इंडस्ट्रियल समिट एक्जीविशन का भी उद्घाटन किया, इस प्रदर्शनी में हीरो मोटोकार्प, भेल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मुंजाल शोवा, शिवम औटोटेक, रॉकमैप इंडस्ट्रिज, जेएसजी इनोटेक, हेको मशीनरी, गार्डनर डेनवॉर, आइटीसी, टपरवेयर, सिडबी, सिंफनी जैसी बड़ी नामी कंपनियों ने प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गत वर्ष आयोजित इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब तक प्रदेश में 17 हजार करोड़ से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। इन्वेस्टर्स समिट में 1 लाख 24 हजार करोड़ के एमओयू पर निवेशकों द्वारा हस्ताक्षर किये गये थे, जिसमें 40 हजार करोड़ रूपये के एमओयू पर्वतीय क्षेत्रों के लिए किये गये हैं। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेशक उद्योग लगाने के लिए उत्साहित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के वन क्षेत्र का 27 प्रतिशत क्षेत्र चीड़ के वृक्षों से आच्छादित है, जिससे विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बन रहे हैं। राज्य के संतुलित विकास के लिए आवश्यक है कि पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिले। राज्य सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने उद्यमियों का आह्वाहन किया कि वे पर्वतीय क्षेत्रों के लिए अपने विशेष और नये आइडिया से पहाड़ और मैदान के विकास को संतुलन प्रदान करने में सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारा प्रयास प्रति कैपिटा इनकम को बढ़ाना है। प्रदेश की औसत प्रति व्यक्ति आय देश की औसत प्रति व्यक्ति आय से अधिक है। राज्य सरकार पर्वतीय व मैदानी जिलों में प्रति व्यक्ति आय के गैप को दूर करने का प्रयास कर रही है। पर्यटन राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है, इसी लिये पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। एमएसएमई में सरकार ने जिलाधिकारियों को निवर्तन के अधिकार दिये हैं, ताकि छोटे उद्यमियों को अनावश्यक देहरादून न आना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति उद्योगों के अनुकूल है। राज्य में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए ’निवेश संवर्द्धन एवं सुविधा केंद्र’ बनाये गये हैं। भारत सरकार ने जीएसटी की दरों में संशोधन कर उद्योग जगत को सकारात्मक संदेश दिया है, वैसे ही राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग के तहत सिंगल विन्डो सिस्टम लागू कर यूजर फ्रेंडली माहौल दिया जा रहा है। ।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि परिश्रम एवं ईमानदारी उत्तराखण्ड की पहचान है। उद्योगों के लिए अनुकूल कानून व्यवस्था व शान्त वातावरण की जरूरत होती है। उन्होंने उद्यमियों का आह्वान किया कि पर्यटन एवं होटल व्यवसाय तथा एडवेंचर के क्षेत्र में विशेष संभावनाओं को देखते हुए भविष्य में इस क्षेत्र में तेजी से कार्य कर सकते हैं। ऑल वेदर रोड़ बनने से सडक मार्ग और जौलीग्रांट एयरपोर्ट में बेहतर सुविधायें मिलने से कनेक्टिविटी हिसाब से आने वाला समय अत्यंत अनुकूल होगा। आने वाले समय में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना से भी रेल यातायात की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री कौशिक ने कहा कि आने वाले कुंभ 2021 के आयोजन में इंडियन ऑयल कंपनी भी सहयोग दे रही है, उन्होंने सभी उद्यमियों से अपनी तकनीकी क्षमता के हिसाब से सहयोग की भी अपेक्षा की, उन्होंने कहा कि जीएसटी की नयी दरों से उद्योगों को लाभ होगा।
इस अवसर पर, विधायक श्री आदेश चौहान, श्री सुरेश राठौर, श्री प्रदीप बत्रा, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार सहित उद्योग विभाग के अधिकारी व उद्यमी उपस्थित थे।