देहरादून 8 सितम्बर 2019 (हि. डिस्कवर)
भा.कृ.अनु.प- भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान में 09 सितम्बर, 2019 को हिमालय दिवस मनाया जायेगा। दिनभर चलने वाले कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डाॅ. पी.आर.ओजस्वी एवं देहरादून के प्रगतिशील किसान भुवन विक्रम डबराल करेंगें। डबराल बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में हिमालय के महत्व पर प्रकाश डालेंगे।
डाॅ ओजस्वी इस दिन से संबंधित तत्थों के विषयों में एवं आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के विषय में, संस्थान द्वारा बनाई/उन्नत की गई तकनीकों के संबंध में जानकारी देंगें, जिस से हिमालय के पारिस्थितिक तंत्र एवं कृषि को टिकाऊ बनाया जा सके। मुख्य अतिथि श्री डबराल जो कि एक प्रगतिशील किसान है व हिमालयी राज्य के निवासी है, वे कृषि की वास्तविक दशा के विषय में बतायेंगे और इस पर भी चर्चा करेंगे कि अनुसंधान संस्थानों, सार्वजनिक संगठनों से क्या आशा की जाती है, जिस से कृषि, पर्यावरण एवं हिमालय क्षेत्र में रहने वालों की स्थिति में कैसे सुधार किया जा सके।
हिमालय दिवस-2019 की विषय वस्तु हिमालय का विज्ञान है। भा.कृ.अनु.प- भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान में इस अवसर पर संस्थान एवं अन्य प्रतिष्ठानों के अनुभवी वैज्ञानिकों द्वारा 07 संगोष्ठियाँ आयोजित की जायेगीं जिस से हिमालय के प्रति जागरूकता, दसकी विशिष्ठता के विषय में एवं हिमालय के जल विज्ञान, मौसम, प्राकृतिक सम्पदा, भू-अवनति एवं उसके प्रबंधन, पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता, कृषि एवं संबंधित विषयों पर विद्यालयों के संकायो के सदस्यों, वैज्ञानिकों, विद्वानों, छात्रों, प्रगतिशील किसानों एवं जन सामान्य को बताया जायेगा।
संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डाॅ पी.आर ओजस्वी, हर्ष मेहता, बांके बिहारी, एस एस श्रीमाली, देबाशीष मंडल, डी वी सिंह, उदय मंडल, एम शंकर, रमनजीत सिंह,एम मुरूगानन्दम एवं डाॅ गौरव शर्मा, प्रभारी अधिकारी एवं वैज्ञानिक- ई, जूलौजिकल सर्वे आॅफ इंडिया, संगोष्ठी में अपना संबोधन देंगें और विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे, जो कि हिमालय के महत्व को एवं उसके संरक्षण की आवश्यकता को बल देते हैं।
हिमालय का उसके स्वयं के लिए एवं विश्व के लिए महत्व पर इन मुद्दों के साथ यथा मृदा संरक्षण-पर्यावरण को बचाना, जैव विविधता को बचाना, जल स्तंभ-हिमालय का संरक्षण पर विस्तार से चर्चा होगी।
छात्रों एवं अन्य प्रतिभागियों के लिए जागरूकता प्रदर्शनी, विषय वस्तु पर तकनीकी चर्चा से वे संवेदनशील होंगे। हिमालय के संरक्षण के लिए एक शपथ भी ली जायेगी, जो कि हिमालस बचाओं अभियान का एक हिस्सा है।
डाॅ. एम मुरूगानन्दम, प्रधान वैज्ञानिक , डाॅ राजेश बिशनोई, वैज्ञानिक भा.कृ.अनु.प- भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान के साथ कार्यक्रम का समन्वय करेंगे। कार्यक्रम में अनुमानतः 130-150 संकाय सदस्य, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, विद्वान, शहर के विद्यालयों के छात्र, अनुसंधान संस्थान, प्रगतिशील किसान एवं वे सभी जो हिमालय के स्वास्थय के प्रति सजग है वे कार्यक्रम में भाग लेंगें।