Monday, December 23, 2024
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गरीब आखिर जाए तो जाए कहाँ। करंट से झुलसे मरीज को चार अस्पताल बदलने पड़े।

यह फोटो जयपाल सिंह नेगी पुत्र कुलवन्त सिंह नेगी ग्राम चुरानी ब्लॉक रिखणीखाल जिला पौड़ी गढ़वाल की है । दिनांक 19 अगस्त 2019 को बिजली करन्ट लगने से ये बुरी तरह से झुलस गए। ग्रामीण इनको तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रिखणीखाल लाये किन्तु उचित स्वास्थ्य सुविधा नही होने के कारण उसी दिन इनको बेस अस्पताल कोटद्वार रेफर किया गया। यहां भी उचित इलाज नही मिलने के कारण उसी दिन एम्स ऋषिकेश रेफ़र किया गया।

यहां बर्न यूनिट नही होने के कारण उसी रात को इनको देहरादून के लिए रेफर किया गया। दिलचस्प है कि एम्बुलेंस ड्राइवर ने इनको जानकारी दी कि जगदम्बा सेंटर रिस्पना देहरादून में बर्न यूनिट है और अच्छा इलाज होगा और इनकी सहमति से जगदम्बा सेंटर में इनको भर्ती कर दिया गया जहां उचित इलाज नही मिलने के कारण अगली दोपहर को इन्हें कोरोनेशन अस्पताल देहरादून में भर्ती किया गया।जहां ये एक सप्ताह तक भर्ती रहे और इलाज हुआ। यहीं इनका बाएं हाथ का ऑपरेशन हुआ। बायां हाथ कुहनी के ऊपर से काट दिया गया है। स्थिति नाजुक देख तथा पीलिया के लक्षण देखकर डॉक्टर ने इनको महन्त इंद्रेश अस्पताल देहरादून के लिए रेफर कर दिया।आज इनके स्वास्थ्य में खास सुधार नही है। बायां हाथ का पुनः ऑपरेशन होना है । अब हाथ कंधे से कटना है। पैर व पूरे शरीर के जख्म भी ठीक स्थिति में नही हैं। शरीर लगभग 40% तक बर्न है।

विडंबना है कि हमारे प्रदेश मे इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचने और त्वरित इलाज के लिए संसाधन व अस्पताल नही हैं। पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं की अत्यंत खराब स्थिति है। मात्र फर्स्ट एड और रेफ़रल सेंटर मात्र हैं।
यह भी देखने मे आया कि अस्पतालों मे तैनात चिकित्सक एवम अन्य स्टाफ ऐंसी दुर्घटनाओं के प्राथमिक इलाज में भी दक्ष नही हैं।
इस केस में चिकित्सक के अनुसार घटना के 6 घंटे के अंदर उचित इलाज मिलना आवश्यक था।तभी अंग भंग होने से बच सकता था, जो नही मिल सका।

जयपाल सिंह एक बेरोजगार युवक है। वह अपने गांव में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की मरम्मत के साथ खेती एवम पशुपालन से अपना रोजगार करता था। इनके परिवार में 75 वर्षीय बुजुर्ग माता- पिता, पत्नी , 2 बेटियां और 1 पुत्र हैं। इनकी पत्नी गांव के विद्यालय में पिछले कुछ वर्षों से भोजनमाता का काम करती थी किन्तु छात्र संख्या कम होने के कारण आपरेल 2019 से इनकी सेवा समाप्त कर दी गयी हैं। इसी वर्ष हाई स्कूल बोर्ड एग्जाम में इनके पुत्र ने 84.2%अंक प्राप्त किये किन्तु आज इनका परिवार अत्यंत लाचार एवम गरीबी से ग्रस्त हो चुका है।

इस पोस्ट के माध्यम से सभी से अनुरोध है कि उक्त परिस्थितियों में जयपाल सिंह को यथासंभव आर्थिक मदद करने के लिए आगे आएं। इनकी बड़ी पुत्री पी जी कॉलेज कोटद्वार में BA द्वितीय वर्ष और छोटी पुत्री कोटद्वार में BA प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। दोनो मेधावी एवम लगनशील हैं। वर्तमान परिस्थितियों में इनको अपनी आगे की पढाई छोड़नी पड़ी रही है।
जो कोई भी इनकी शिक्षा आदि में सहयोग करना चाहता है , कृपया आगे आएं तथा इस फोन नम्बर पर सम्पर्क करें।
श्रीमती विद्या देवी , पत्नी जयपाल सिंह
फोन 8449552861

बैंक का नाम- उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक शाखा सिद्धखाल जिला पौड़ी गढ़वाल।
खाता संख्या- 4209011360

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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