पश्चिम बंगाल ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता माजिया ईलाही खान ने कहा है कि न ममता मुस्लिम है न हिन्दू। वह सिर्फ मुख्यमंत्री बने रहना चाहती है और इस सनक ने उसे व उसकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को गुंडा बना दिया है।
ज्ञात हो कि विगत दिन हुगली में ममता की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक 50 बर्षीय महिला की मार मार कर हड्डियां ही नहीं तोड़ी बल्कि उसके पानी मांगने पर उन्होंने उसके मुंह में पेशाब कर दिया। पूरे बंगाल को शर्मसार कर देने वाली इस घटना ने जहां देश को भौंचक कर दिया है वहीं एनडीटीवी को दिये अपने बयान में सुप्रीम कोर्ट की वकील माजिया ईलाही खान ने कहा है कि भला एक महिला ऐसा नीच दुष्कर्म कैसे करवा सकती है।
माजिया ने घटना का ब्यौरा देते हुए कहा कि उस माँ के बेटे का अपराध यह था कि उसने अपनी फेसबुक वॉल पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगा रखी थी व उनकी प्रशंसा की हुई थी जिसके एवज में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उसकी माँ 50 बर्षीय सौबिता मंडल की जमकर पिटाई की। ये दरिंदे यहीं नहीं रुके क्योंकि जब सौबिता मंडल ने पीने के लिए पानी मांगा तो इन वहशियों ने उनके मुंह में पेशाब कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की वकील माजिया प्रश्न उठाती हैं कि मानवता जिस तरह यह शर्मसार हुई है वहां बंगाल में कहां संविधान रह गया है। कौन सी मानवता अब शेष रह गयी है। वह कहती हैं कि ममता बनर्जी न हिंदुओं की है न मुस्लिमों की। उसे सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री बने रहने की जिद है। जो औरत न देश के प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री मानती है न देश के संविधान को ही मानती है व जिसने खुला गुंडाराज ऐन चुनाव के समय भी कायम किया हुआ है भला ऐसी महिला को मुख्यमंत्री बने रहने का अधिकार कैसे हो सकता है।
बहरहाल माजिया ईलाही खान ने कहा है कि जो घटना विगत दिनों में श्यामपुर, बारासाती, हुबली जिनसुर में हुई है हम आईएनसी भी हैं व सुप्रीम कोर्ट के वकील भी हैं, हम मजबूर हो गए हैं कि इस घटना को संज्ञान में रखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन की मांग करें।