(प्रसिद्ध समाजसेवी इन्द्रेश मैखुरी की कलम से)
विगत बर्ष अक्टूबर 2018 में पत्रकार ललित मोहन कोठियाल एक दिन अचानक ही इस दुनिया को छोड़ कर चले गए! उनके कई शौकों में से यात्रा करना भी एक शौक था लेकिन इस बार वे अनंत यात्रा पर निकल गए!
वे पत्रकार थे,लेखक थे,संपादक थे,साल का अच्छा खासा हिस्सा देशाटन में बिताने वाले यात्री थे! विज्ञान पत्रकारिता उनके विशेषज्ञता के क्षेत्रों में से एक थी.वे कार्यक्रमों के ऐसे आयोजक थे,जो खामोशी से अपना काम करता रहता है.उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट की हैसियत से खामोशी से ट्रस्ट के कार्यक्रमों के आयोजन-संयोजन में उन्हें बरसों-बरस लगे हुए तमाम लोगों ने देखा! वे एक्टिविस्ट थे.उत्तराखंड आंदोलन से लेकर पहाड़ के तमाम सरोकारों,सवालों और संघर्षों से उनका गहरा जुड़ाव था!
जनपक्षधरता के चलते ही वे पहाड़ में खेती के चकबंदी के लिए गणेश सिंह गरीब द्वारा चलाये गए चकबंदी अभियान से गहरे जुड़े हुए थे.1988 से इस अभियान को उनका वैचारिक और लेखकीय समर्थन था.बीते कुछ वर्षों से तो वे सक्रीयता पूर्वक इस अभियान में लगे हुए थे!
चकबंदी आंदोलन में ललित मोहन कोठियाल की महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए, चकबंदी के लिए चलाए जाने वाले-गरीब क्रांति अभियान ने उनके नाम पर “संकल्प श्री” सम्मान देने की घोषणा की है. गरीब क्रांति अभियान के संयोजक कपिल डोभाल ने बताया कि ललित मोहन कोठियाल की स्मृति में पहला “संकल्प श्री” सम्मान,चकबंदी दिवस के दिन 1 मार्च 2019 को देहरादून के नगर निगम सभागार में दिया जाएगा.उत्तराखंड में खेती-किसानी के क्षेत्र में नए प्रयोग के लिए यह सम्मान दिया जाएगा!
विभिन्न जनसरोकारों के साथ गहरे जुड़े रहे ललित मोहन कोठियाल को याद करने का यह अच्छा प्रयास है. इसके लिए कपिल डोभाल और गरीब क्रांति अभियान के साथियों को साधुवाद!