(मनोज इष्टवाल)
घटना उत्तराखंड के सीमान्त जिले बागेश्वर के गरुड़ क्षेत्र की है जहाँ के बिमोली गाँव में एक बड़ा हादसा तब हुआ जब प्रातःकाल करीब साढ़े पांच बजे की नींद में कुलबुला कर उठी अपनी 16 दिन की बेटी के जगने के साथ माँ भी जग गयी! अचानक माँ की नजर पडी कि मकान के छत्त की बीच वाली बल्ली टूट रही है उसने चिल्लाकर अपने पति मनोज कुमार को आवाज लगाईं जो अपनी तीन बर्षीय बेटी की बगल में लेता था! वे कुछ समझ पाते कि इस से पहले बल्ली के साथ छत्त टूटकर उनके उपर गिर पड़ी!
माँ बाप से उस समय जैसे जो बन पड़ा वह उनके दोनों बच्चों की जान बचाने के लिए काफी था! माँ व बाप ने गिरती छत्त को अपनी पीठ पर गिरने दिया और बच्चों को अपने अपने सीने से चिपका लिया! घायल मनोज ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि हौसला ना हारे। दोनों ने अपने मासूमों को खरोंच तक नहीं आने दी। दोनों घायल दंपति का बैजनाथ में इलाज किया जा रहा है। यह तो ईश्वर की बलिहारी हुई कि मकान गिरने की आवाज आस-पड़ोस के लोगों ने सुन ली व सबने इकठ्ठा होकर लगभग 25 मिनट की मशक्कत के बाद सारे परिवार की जान बचा ली! लोगों का कहना है कि इस दम्पति ने अपना धैर्य नहीं खोया और बाहर से हम लोग भी आवाज दे देकर साहस बढाते रहे! बहरहाल तीन बर्षीय पुत्री दीपांशी व 16 दिन के पुत्र को इस दम्पति ने खरोंच तक नहीं आने दी!