Friday, November 22, 2024
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सुनो कहानी पढों कहानी’ के साथ हुआ प्रारम्भ ‘कोना कक्षा का’।

(मंजू काला सचिव घाद एकांश)

धाद साहित्य एकांश ने शिक्षा में सामाजिक सहकार की पहल ” एक कोना कक्षा का ” के अंतर्गत ” सुनो कहानी पढों कहानी” का आयोजन किया। आयोजन राजकीय बालिका माध्यमिक इंटर कोलेज अजबपुर में किया गया।

आयोजन में विद्यालय को ‘कोना कक्षा का’ के अंतर्गत साहित्य एकांश की अध्यक्ष श्रीमती कल्पना बहुगुणा द्वारा कक्षा 6 को रचनात्मक शिक्षा का एक कोना भेंट किया गया।

बालिकाओं के स्वागत गीत के साथ प्रारंभ हुए आयोजन का परिचय देते हुए साहित्य एकांश की सचिव मंजू काला ने “सुनो कहानी पढों कहानी ” मुहिम के बारें में कहा कि बच्चों को पुस्तक के रूप में उनके समग्र जीवन के मित्र का परिचय कराने हेतु इस कार्यक्रम की पहल की गयी है। कहानी को सुनना और पढना एक सम्पूर्ण विधा है जो हमारे समाज में बरसों से मौजूद है, हम इसे एक रचनात्मक आकार देने के लिए प्रयासरत हैं

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, बालकथा संग्रह ,इकतारा बोले के कथाकार मुकेश नौटियाल ने बच्चो को अपनी कहानी “सफेद ऊन का गोला” सुनाई। उन्होंने बच्चो से संवाद करते हुए कहा कि हम में से सबके पास ढेर सारी कहानिया होती है, जरुरत केवल इस बात की होती है कि अपनी कहानी को लिखने के लिए हमारे पास सही शब्द और तकनीक हो। उन्होंने स्कूलों में कहानिया सुनाने का वाचन होने को जरुरी बताते हुए कहा कि उससे बच्चो में सृजनशीलता विकसित होती है। केरल की दसवी की कक्षा में पढाये जाने वाले अपने लेख ‘वसंत मेरे गाँव का’ की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस लेख को पढ़कर वहां के बच्चो ने अपने दिमाग में हिमालय की जो तस्वीर बनायीं उसको देखकर वह अभिभूत हो गए। सुदूर समुद्री इलाके के उन बच्चो ने न कभी हिमालय देखा न ही गंगा फिर भी अपनी पाठ्यपुस्तक के एक आलेख में उनके अन्तस में पहाड़ के इन बिम्बों की आकर्षक छवियाँ गढ़ दी है। केरल प्रवास में वहां के बच्चो ने उनसे फयूली, बुरांस, मोनाल, घुघूती और बर्फ के बारे में जो सवाल पूछे इनसे साफ़ लगता था कि एक पाठ में ही उनके मन में हिमालय की कई छवियाँ अंकित कर दी है।

कार्यक्रम में धाद के केंद्रीय सचिव तन्मय ममगाईं ने धाद की मुहिम ” एक कोना कक्षा का ” के बारे में बताते हुए कहा कि शिक्षा में समाज के सहकार की एक बड़ी भूमिका है कोना कक्षा का आम समाज को शिक्षा को बेहतर बनाने की एक भूमिका देता है जिसके माध्यम से वह किसी भी कक्षा को सक्षम बनाने मैं अपना योगदान दे सकता है । उन्होंने बताया की अप्रैल महीने में प्रारम्भ हुए इस अभियान में प्रदेश के विभिन्न जिलों के अब तक 140 विद्यालय जुड़ चुके है।

मुख्य अतिथि सीमेट के विभागाध्यक्ष श्री एस बी जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि यह मुहीम ‘सुनो कहानी पढो कहानी’ हमारे समाज के नौनिहालों की अभिव्यक्ति को एक धार देगी और उनके व्यक्तित्व को साहित्य के माध्यम से परिष्कृत करेगी। विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती नर्मदा राणा ने कहा कि यह मुहीम छात्रों को जीवन जीने का एक नजरिया देगी उनके लिए हर्ष का विषय है कि उनका विद्यालय इसकी पहली कड़ी बना है ।

इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिकाओं नर्वदा राणा अंजलि नौटियाल एवम अंजू कुमेडी ने भी तीन कोनो की जिम्मेदारी लेते हुए उनके लिए सहयोग का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम के अंत में साहित्य एकांश की अध्यक्ष कल्पना बहुगुणा ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया और सभी से इस रचनात्मक मुहीम में जुड़ने का आवाहन किया ।

इस अवसर पर सीमा दानु, दीप्ति रावत, लता जोशी, समंगला पोखरियाल, अंजलि नौटियाल, नीलम बिष्ट, अनीता नौटियाल, आभा नेगी, कांता घिल्डियाल, डॉ नीलम प्रभा वर्मा उपस्थित थे।

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