देहरादून 31 अगस्त, 2018 (हि. डिस्कवर)
प्रदेश के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु-सिंचाई, वर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने हरिद्वार व कोटद्वार क्षेत्र का बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया गया।
मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि हरिद्वार जनपद में गंगा नदी के दाॅंये किनारे से काफी कटान हुआ है। जिससे कृषकों की भूमि एवं फसल को काफी नुकसान हुआ है। इसी प्रकार हरिद्वार में सोलानी नदी से काफी भू-भाग में जल भराव की समस्या देखी गई।
उन्होंने अवगत कराया कि सोलानी नदी के ड्रेचिंग एवं बाणगंगा को गंगा नदी पर विशाल-कुण्डी बन्दे में स्लुश गेट लगाकर गंगा का पानी डाइवर्ट किया जायेगा। जिससे उत्तर प्रदेश के सुक्रताल धाम में पानी उपलब्ध हो सके।
मंत्री ने अवगत कराया कि बाढ़ नियंत्रण कार्य के लिए केन्द्र सरकार से 30 करोड़ रूपये की सैद्धान्तिक स्वीकृत मिल गई है।
लक्सर के विधायक संजय गुप्ता एवं खानपुर के विधायक प्रणव सिंह ‘चैम्पियन’ के साथ वार्ता की गई तथा मंत्री द्वारा दोनों विधायकों को भरोंसा दिलाया गया कि बाढ़ को रोकने के लिए स्थायी व्यवस्था की जायेगी और कृषकों की जो हानि हुई है उसकी भरपाई के लिए सरकार हर सम्भव मद्द करेगी। मंत्री ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण कार्य के लिए वन विभाग का भी सहयोग लिया जायेगा। उन्होंने कहा नुकसान हुए फसलों का मुआवजा भी दिलाया जायेगा।
कोटद्वार में पिछले दिनों काफी नुकसान हुआ है। उसका मुख्य कारण पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाली तीव्र गति से पानी, पेड़ आदि आने से रास्ता अवरूद्ध होने से क्षति हुई है। मंत्री द्वारा सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया कि कोटद्वार क्षेत्र में बाढ़ रोकने के लिए स्थाई प्रबन्धन योजना बनाकर भारत सरकार को वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रेषित की जाए।
मंत्री द्वारा हरिद्वार एवं कोटद्वार क्षेत्रों में बाढ़ द्वारा हुई क्षति पर गहरा दुःख प्रकट किया गया।