नई दिल्ली 23 दिसम्बर 2019 (हि. डिस्कवर)
नई दिल्ली, विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वैकय्या नायडू द्वारा उत्तराखण्ड को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Most Film-Friendly State का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। राज्य सरकार की ओर से यह पुरस्कार सचिव, सूचना दिलीप जावलकर द्वारा प्राप्त किया गया है। सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार-2018 के अन्तर्गत इस बार उत्तराखण्ड राज्य का चयन किया गया।
कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति श्री एम. वैकय्या नायडू ने अपने सम्बोधन में उत्तराखण्ड राज्य को Most Film-Friendly State का पुरस्कार मिलने पर बधाई देते हुये कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य में फिल्म शूटिंगों के लिऐ अनुकूल वातावरण तैयार करने के सराहनीय प्रयास गये है। उन्होेंनें कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार मिलने से जहाॅं एक ओर पर्यटन के क्षेत्र में गति आयेगी वहीं फिल्म शूंटिग में वृद्वि होगी।
सचिव सूचना दिलीप जावलकर ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार मिलने से प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। देश-विदेश के फिल्म निर्माता राज्य में अधिक से अधिक संख्या में आयेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष भी है और उनके मार्गदर्शन में प्रदेश की फिल्म नीति को और अधिक आकर्षक बनाया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की स्पष्ट मंशा है कि राज्य में फिल्म निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जाय, राज्य में अधिक से अधिक फिल्म निर्माता आये, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देशन में राज्य सरकार द्वारा फिल्मों को सब्सिडी दिया जाना भी प्रारम्भ कर दिया गया है।
उत्तराखण्ड राज्य सरकार द्वारा फिल्म निर्माताओं की सुविधाओं के दृष्टिगत आकर्षक फिल्म नीति लागू की गई है। गत वर्ष राज्य में आयोजित निवेश सम्मेलन में भी देश-विदेश के फिल्म निर्माताओं द्वारा सुझाव दिये गये थे, जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा फिल्म नीति 2019 लागू की गई। विगत एक वर्ष में राज्य में 200 फिल्मों, धारावाहिक, डाक्यूमेंट्री आदि की शूटिंग की गई है। इनमें मीटर चालू, बत्ती गुल, परमाणु, बाटला हाउस, कबीर सिंह, केदारनाथ, नरेन्द्र मोदी, स्टूडेंट आॅफ द ईयर, परमाणु, रागदेश, तड़प, वार, डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम Man vs Wild आदि कई बड़े नाम भी शामिल है। राज्य सरकार द्वारा फिल्म नीति को आकर्षक बनाया गया है, जिसमें सिंगल विंडो शूटिंग अनुमति प्रदान किया जाना। अब राज्य में शूटिंग हेतु कोई भी शुल्क नही लिया जा रहा है। नई फिल्म नीति में रुपये 1.5 करोड़ तक अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। इसके साथ ही शूटिंग अवधि में पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना शामिल है। क्षेत्रीय फिल्मों को स्थानीय सिनेमाघरों द्वारा सप्ताह में एक शो अनिवार्य रूप से दिखाया जाना है। वर्ष 2017 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Special Mention Certificate for Film Friendly Environment पुरस्कार प्रदान किया गया था। इसी वर्ष पर्यटन पुरस्कार के अन्र्तगत उत्तराखण्ड राज्य को “राष्ट्रीय फिल्म संवर्धन हितैषी राज्य” का पुरस्कार प्रदान किया गया है। पुरस्कार हेतु राष्ट्रीय स्तर पर गठित चयन समिति द्वारा निर्धारित मानकों का परीक्षण कर यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
ज्ञात हो कि इस पुरस्कार हेतु राष्ट्रीय स्तर पर गठित चयन समिति द्वारा निर्धारित मानकों का परीक्षण कर यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। पुरस्कार हेतु निर्धारितों मानकों के अनुसार विवरण भारत सरकार को प्रेषित की किया जाता है, जिसमें Ease of filming, Infrastructure, सब्सिडी, Database, marketing and promotion एवं विगत वर्षो में राज्य में शूटिंग की गई फिल्मों की संख्या का विवरण प्रदान करना होता है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार-2018 के तहत सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार राज्य में फिल्म शूटिंगों के लिए निर्माता/निर्देशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के प्रयासों के लिए दिया गया है। चूंकि उत्तराखण्ड अभी नया राज्य है और यहां पर चुनौतियां भी काफी है, इसके बावजूद उत्तराखण्ड राज्य सरकार द्वारा किये गये सकारात्मक प्रयासों की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर की गई है। प्रतिवर्ष दिये जाने वाले इस पुरस्कार के लिए सभी राज्यों से आवेदन आमंत्रित किये जाते है। जिसके बाद पुरस्कार चयन हेतु गठित समिति द्वारा पुरस्कार के लिए राज्यों का चयन किया जाता है। इस वर्ष केवल उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ हैं।
दलीप जावलकर ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के इस पुरस्कार के लिए उत्तराखण्ड राज्य का चयन हम सभी के लिए गौरव की बात है। अल्प कार्यकाल में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखण्ड राज्य का इस पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। फिल्मी हस्तियों में अभिनेता अक्षय कुमार, विक्की कौशल, तथा आयुष्मान खुराना को भी पुरस्कार प्रदान किया गया है।
इस अवसर पर अपर स्थानिक आयुक्त ईला गिरी, उप निदेशक/नोडल अधिकारी, उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद् के0एस0 चौहान भी उपस्थित थे।
फिल्मांकन एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Most Film-Friendly State का प्रथम पुरस्कार प्रदान किये जाने से राज्य में फिल्मांकन एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने इसे राज्य हित से जुड़ा विषय बताते हुए कहा कि यह पुरस्कार उत्तराखण्ड द्वारा फिल्म उद्योग के लिए मन से दरवाजे खोलने का परिणाम है। राज्य में फिल्म उद्योग को आगे बढ़ाने, फिल्म निर्माण के लिए सहज माहौल तैयार करने, हुनर और कला के लिए प्रोत्साहन, बंद पड़े सिनेमा हॉल को फिर से खोलने के लिए प्रोत्साहित करने, फिल्म विकास कोष का निर्माण, फिल्म निर्माण के लिए पहले से प्रोत्साहन देने की योजना जारी रखने, अन्य सक्रिय भागीदारियों के अलावा उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण के अलावा उत्तराखण्ड फिल्म विकास समिति का निर्माण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग जगत ने भी अब माना है कि उत्तराखण्ड एक बेहतर डेस्टिनेशन है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्मांकन को बढ़ावा देने के लिए और सार्थक प्रयास किये जायेंगे।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन की कार्य प्रगति के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस योजना का बेहतर ढ़ंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के तहत सभी प्रोजेक्टो पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह योजना निर्धारित समय पर पूर्ण होगी।