– एक यूनिट रक्तदान से बचती है तीन लोगों की जान : विनोद कंडारी
देहरादून। नेशनल डॉक्टर्स डे के उपलक्ष्य में विचार एक नई सोच सामाजिक संगठन ने एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में दून मेडिकल कालेज की टीम ने 150 यूनिट रक्तदान एकत्रित किया। शिविर में पत्रकारों और उनके परिजनों के साथ ही बड़ी संख्या में आम जनमानस ने भी रक्तदान किया। इस मौके पर मौजूद विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी व निदेशक चिकित्सा शिक्षा व प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि एक यूनिट रक्तदान से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। डॉ सयाना ने कहा दून मेडिकल कालेज मरीजों को अत्याधुनिक सेवाएं देने में जुटा हुआ है।
हरिद्वार बाईपास रोड पर स्थित अमोलाज रेस्तरां में आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन देवप्रयाग के भाजपा विधायक विनोद कंडारी, दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य और निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, नागपुर घराने के राजगुरू एंव राम संकल्प क्षेत्र रामटेक के पीठाधेश्वर पूज्य अजय भैया, जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान, और समाजसेवी वीर सिंह पंवार ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात सीनियर फिजिशियन डा. एस डी जोशी और संगठन के अध्यक्ष अरूण चमोली ने की। कार्यक्रम का संचालन विचार एक नई सोच संस्था के सचिव राकेश बिजिल्वाण ने किया। इस मौके पर संगठन के संरक्षक मनोज इष्टवाल, विनोद रावत, अरूण शर्मा, जय प्रकाश अमोला ने अतिथियों का स्वागत कर व उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस मौके पर गंगा अमोला, अमित अमोली, मुकेश कुकरेती, रमन जायसवाल, अरूण पांडेय, शिवराज राणा, हरीश कंडवाल, एस सती, दीपक जुगराण, मोहन पुरोहित व सोनू मौजूद रहे।
निस्वार्थ भाव से करें रक्तदान- विनोद कंडारी
स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के मौके पर विधायक विनोद कंडारी ने विचार एक नई सोच संस्था के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों के लिए रक्त एकत्रित करने का यह कार्य अन्य लोगों को भी प्रेरणा देगा। समय पर रक्त न मिलने पर कई मरीजों की जान चली जाती है। रक्तदान को इसलिए महादान कहा जाता है। उन्होंने लोगों को निस्वार्थ भाव से रक्तदान करने के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में ही रक्तदान करने की बात कही।
हमारा प्रयास हर जरूरतमंद को मिले रक्त- डॉ सयाना
दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि दून मेडिकल अस्पताल को अत्याधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। यहां रक्त बैंक की क्षमता को और बढ़ाने का प्रयास है। सरकार का प्रयास है कि हर जरूरतमंद को रक्त दे सकें। इसके लिए साल भर हमारी टीम विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर रक्तदान षिविरों का आयोन करते हैं। उनके मुताबिक विचार एक नई सोच संस्था का यह प्रयास सराहनीय है।
रक्तदान को धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए- अजय भैया
नागपुर घराने के राजगुरू एंव राम संकल्प क्षेत्र रामटेक के पीठाधेश्वर पूज्य अजय भैया ने संस्था के प्रयासों की सराहना की और कहा कि रक्तदान महादान है। रक्तदान को धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि रक्तदान से जरूरतमंद की जान बचाई जा सकती है। मानवता सबसे बड़ा धर्म है। विषिश्ट अतिथि समाजसेवी वीर सिंह पंवार ने भी संस्था के प्रयासों को सार्थक बताया। उन्होंने कहा कि लोगों में रक्तदान को लेकर जागरूकता जरूरी है।
विचार एक नई सोच का प्रयास सराहनीय :- राजीव चौहान
जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान ने कहा कि इस तरह के शिविरों का आयोजन होते रहना चाहिए। रक्तदान से जरूरतमंदों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने विचार एक नई सोच के प्रयासो की सराहना की।
रक्तदान कर आप बचा सकते हैं कई जान-डॉ जोशी
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ एसडी जोशी ने कहा रक्तदान को महादान कहा जाता है क्योंकि ऐसा करके आप कहीं किसी की जान बचा सकते हैं। डोनेट किए गए ब्लड को रोगियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें सर्जरी या फिर कैंसर जैसे उपचार के दौरान जरूरत पड़ती है। इसके अलावा कई बार सड़क दुर्घटना या दर्दनाक चोट लगने पर भी खून की जरूरत पड़ती है और आपके आसपास सेम ब्लड ग्रुप के लोग मौजूद नहीं होते। ऐसे समय पर ब्लड बैंक ही है, जो आपकी मदद करता है। रक्तदान से पहले डोनर की जांच की जाती है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल, ऑयरन लेवल, हीमोग्लोबिन आदि की जांच की जाती है। अगर सब ठीक रहा तो डॉक्टर रक्तदान करने की अनुमति देते हैं और इस तरह आपकी भी जांच हो जाती है।
जनहित का कार्य हमारी प्राथमिकता- अरूण चमोली
विचार एक नई सोच सामाजिक संगठन के अध्यक्ष अरुण चमोली ने संस्था के उदेश्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि संस्था धरातल पर कार्य कर रही है और जनहित के कार्यों में जुटी हुई है। निकट भविष्य में संस्था मेडिकल कैंप और रक्तदान शिविरों का आयोजन करती रहेगी। यह सफर अंतिम व्यक्ति की मद्द तक जारी रहेगा।
10 सालों से जारी है सफर- बिजलावण
इस अवसर पर संस्था के सचिव राकेश बिजलवाण ने संस्था की गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों से संस्था देहरादून समेत विभिन्न पर्वतीय जिलों में मेडिकल कैंप का आयोजन करती है। इसमें मरीजों की जांच और उन्हें दवाएं निशुल्क दी जाती हैं। संस्था अब तक दो दर्जन से भी अधिक कैंपों का आयोजन कर चुकी है। कोरोना काल में भी बड़ी संख्या में मरीजों को निशुल्क दवाएं दी गयी। और उन्हें आनलाइन कंसलटेंसी दी गयी। इसके अलावा मास्क, सेनीटाइजर, भाप मषीन, आक्सीमीटर आदि उपकरण निशुल्क बांटे गये।
युवाओं में रक्तदान को लेकर रहा उत्साह
अमोलाज में आयोजित रक्तदान षिविर में लगभग एक दर्जन युवाओं ने पहली बार रक्तदान किया। इनमें हिमानी रावत, अखिल रावत, तनिष्का इस्टवाल, मुकेश कुकरेती, अमोलाज रेस्टोरेंट में कार्यरत नितेश सेमवाल, रोहित, बलदेव, अजय पंवार आदि शामिल थे। पहली बार रक्तदान कर रहे मुकेश कुकरेती ने कहा कि उसे पहले भ्रम था कि रक्तदान से कमजोरी आती है लेकिन डॉक्टरों और विचार एक नई सोच संस्था ने उन्हें जागरूक किया कि रक्तदान से किसी तरह की कमजोरी नहीं आती है और नया खून तीन-चार दिन में ही तैयार हो जाता है।