भीमताल/देहरादून 11अगस्त, 2018(हि. डिस्कवर)
विगत शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फिल्म शूटिंग और पर्यटन मे निवेश को आकर्षित करने के लिए मिनी कान्क्लेव का आयोजन का शुभारम्भ भीमताल में किया। गौरतलब है आगामी 7 व 8 अक्टूबर को प्रदेश की राजधानी में विशाल इंवेस्टर समिट (निवेशक सम्मेलन) का आयोजन किया जा रहा है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि राज्य प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है और निवेश के लिए अपार सम्भावनाओ के साथ ही जैव विविधता भी पर्यटको को आकर्षित करती है। उन्होने कहा कि गंगा, पाताल भुवनेश्वर, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री एवं यमनोत्री हमारे आध्यात्मिक केन्द्र है, जो पर्यटको के लिए आकर्षण के केन्द्र है। हमे अपनी मान्यता, मर्यादा, पर्यावरण को संरक्षित करते हुये समस्त प्रदेश का चहुमुखी विकास करना सरकार का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। इससे जहां पर्यटन को बढावा मिलेगा वही आम जनमानस की आर्थिकी भी मजबूत होगी और रोजगार के साधन भी सृजित होंगे, जिससे पलायन रूकेगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक सौन्दर्य परिपूर्ण राज्य है यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य फिल्म निर्माण के लिए सर्वदा अनुकूल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम पर्यटन, फिल्म व्यवसाय व फिल्म उद्योग का समन्वय कर प्रदेश को विकास की नई दिशा की ओर लेकर चलें।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड इंवेस्टर समीट 2018 मे निवेशको की भागेदारी आकर्षित करना तथा उत्तराखण्ड राज्य मे निवेश के अवसरो पर प्रकाश डालना इस कान्क्लेव का मुख्य उददेश्य है। उन्होंने कहा कि राज्य में मौजूद कई परियोजनाओ मे निवेश की कई अपार सम्भावनाये भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों को वायु मार्ग से जोडने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के अन्तर्गत 04 अक्टूबर से पंतनगर, जौलीग्रान्ट, चिन्यालीसौंण, नैनीसैनी व श्रीनगर से आम जनमानस की सुविधा के लिये वायु सेवा प्रारम्भ की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश के अन्य नये स्थानों में हवाई सेवा शुरू करने के लिये स्थानों को चिन्हीकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योग, पर्यटन, फिल्म निर्माण आदि के लिए शांत माहौल है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा व संरक्षण देने के लिए सरकार निरन्तर कार्य कर ही है। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को आयोजित होने वाले निवेशकों के सम्मेलन में चिकित्सा व रोपवे के क्षेत्र में बड़े निवेश की पूरी सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश मे फिल्म उद्योग को बढावा देने के लिए फिल्म शूटिंग शुल्क माफ कर दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा फिल्मो की शूटिंग से संबंधित सभी औपचारिकताएं सिंगल विण्डो सिस्टम के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश मे पर्यटन उद्योग एवं फिल्म व्यवसाय के विकास के लिए सरकार कृतसंकल्पित है।
प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने कहा उत्तराखण्ड की खूबसूरती का लाभ उठाने तथा इसे लोकप्रिय पर्यटन एवं फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि सिंगल विण्डो क्लीयरेंस प्रणाली लागू कर दी है। जिसके द्वारा फिल्म निर्माताओं को फिल्मों की शूटिंग के लिए आसानी से अनुमति मिल रही है, ताकि फिल्म निर्माण को प्रदेश मे बढावा मिल सकें और फिल्म निर्माता प्रदेश में फिल्म शूटिंग के लिए आकर्षित हो सकें।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि इन्वेस्टर समिट 2018 में निवेशकों की भागीदारी आकर्षित करना तथा उत्तराखण्ड राज्य में निवेश के अवसरां पर रोशनी डालना कन्क्लेव का मुख्य उददेश्य है। कान्क्लेव को बहुत अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली है और राज्य मे फिल्म शूटिंग एवं पर्यटन क्षेत्र से जुडे लोगों ने बडी संख्या में इसमें हिस्सा लिया। राज्य मे मौजूद कई परियोजनाओं मे निवेश के अपार अवसर है। जैसे रोपवे, टिहरी झील का विकास, ऋषिकेश मे इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेन्टर, हैली टैक्सी एवं सफारी, स्कायर्स के लिए औली का विकास, आधुनिक आयुष एवं योगा सेन्टर का विकास, अस्पताल एवं अन्य परियोजनायें। उन्होंने कहा कि पर्वतीय पर्यटक स्थलों पर यातायात के दबाव को कम करने के लिए देहरादून से मंसूरी, तथा कालाढूगी एवं रानीबाग से नैनीताल के बीच रोपवे बनाये जाने की कार्यवाही भी गतिमान है।
निदेशक उद्योग एवं प्रबन्ध निदेशक सिडकुल श्रीमती सौजन्या ने कहा कि प्रदेश मे नये इंवेस्टर को प्रेरित करने के लिए सूबे मे चयनित स्थलों पर इंवेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बडे औद्योगिक क्षेत्रो के अलावा प्रदेश के छोटे-छोटे कस्बो मे भी औद्योगिक क्षेत्र चिन्हित किये गये है। जहां उद्यमी एवं उद्योगपति कुटीर उद्योगों के साथ ही मशरूम, जडी बूटी, शहद, अचार मुरब्बा पैकिंग के छोटे उद्योग भी लगा सकते है। जिसमे खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी एवं सगंध व्यवसाय, पर्यटन एवं आतिथ्य, वैलनेस एवं आयुष, फार्मास्युटिकल्स, ऑटोमोबाइल्स, रेशम एवं प्राकृतिक फाइबर, आईटी, नवीनीकरण ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी एवं फिल्म शूटिंग शामिल है। उन्होंने इस क्षेत्र मे निवेश करने के लिए लोगों को अपने प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने की अपील की।
कार्यक्रम का संचालन चेयरमैन सीआईआई उत्तराखण्ड राज्य काउन्सिल डॉ.विजय धस्माना द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक बशीधर भगत, विधायक रामसिंह कैडा, फिल्म निर्माता निदेशक विवेक अग्निहोत्री, प्रमुख एनएफडीसी भारत सरकार विक्रमजीत रॉय, स्वामी लेक रिसार्ट महेन्द्र वर्मा, स्वामी रोज काण्डा होम स्टे श्री जीवन वर्मा, सचिव पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन शंकर सिंह, आयुक्त कुमायू मण्डल राजीव रौतेला, जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, उत्तराखण्ड
फ़िल्म एसोशियेशन के अध्यक्ष एस पी एस नेगी, उपाध्यक्ष राजेन्द्र रावत, संरक्षक सदस्य मनोज इष्टवाल सहित बडी संख्या में उद्यमी, उद्योगपति, फिल्म निर्माता आदि मौजूद थे।