रविवार 19 अगस्त को पूर्वाहन 11 बजे हर की पैडी, हरिद्वार में पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियाँ गंगाजी में विसर्जित की जाएंगी। उनके पारिवारिक जन हरकी पैडी पर स्व. अटल जी की अस्थियाँ विसर्जित करेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरकी पैडी क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर अस्थि विसर्जन कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इस कार्यक्रम को व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने के लिये सम्बंधित अधिकारियों को सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने इस सम्बंध में जनप्रतिनिधियों के साथ ही गंगा सभा के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, जिलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत, डीआईजी अजय रौतेला, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार वी0के0 सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
हरकी पैडी पर मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अटल जी का अस्थि कलश प्रातः 10ः25 पर जौलीग्राण्ट पहुंचेगा। अस्थि कलश शांतिकुंज भी ले जाया जायेगा। तत्पश्चात् कलश यात्रा हरकी पैडी पहुंचेगी। हरकी पैडी में श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की जायेगी। जिसमें अटल जी को चाहने वाले लोग, साधु सन्त आदि बडी संख्या में उपस्थित होकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि स्व. अटल जी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव रहा है। उन्होंने ही उत्तराखण्ड राज्य के गठन को मंजूरी दी थी। अटल जी ने न केवल अलग उत्तराखण्ड का निर्माण करवाया बल्कि विशेष राज्य का दर्जा देते हुए विशेष औद्योगिक पैकेज भी स्वीकृत किया। उत्तरकाशी की सुरक्षा एवं गंगोत्री आने वाले तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों की सुविधा हेतु वरूणावत पर्वत भूस्खलन के उपचार के लिये उन्होंने 250 करोड़ रूपये का विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की। उत्तराखण्ड से उनका विशेष लगाव होने के नाते उत्तराखण्ड की जनता की भी उनके प्रति विशेष श्रद्धा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व0 अटल जी का जीवन गंगा से प्रेरित था। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्य सभा सांसद अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.