नैनबाग (टिहरी गढ़वाल) 5 मई 2019 (हि. डिस्कवर)
कहाँ लोग अब मंगल ग्रह में घर बनाने की सोच रहे हैं और कहाँ हमारी ये रूढ़िवादी परम्पराएं…! इन्हीं परम्पराओं ने आज गढ़वाल के एक अनुसूचित जाति के युवा की सिर्फ इसलिए जान ले ली क्योंकि वह कुर्सी पर बैठकर सवर्णों के सामने ही भोजन कर रहा था!
मामला विगत 26 अप्रैल 2019 का है लेकिन प्रकाश में अब आया जब इस युवा ने देहरादून के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली! पड़ताल हुई और केस भी दर्ज हुआ जिससे जानकारी प्राप्त हुई कि 26 अप्रैल का यह मामला इडवालस्यूं श्रीकोट का है! नैनबाग तहसील के अंतर्गत पड़ने वाले इस गाँव में प्रदीप पुत्र कालिया दास की शादी थी जिसकी बारात जौनपुर क्षेत्र के ललोटना गाँव गयी थी और बारात उसी शाम वापस भी लौट आई थी!
शाम को शादी के दौरान ही कुछ ऊँची जाति के लोग खाना खा रहे थे ऐसे में बसांणगाँव टिहरी गढ़वाल निवासी 23 बर्षीय जितेन्द्र पुत्र स्व. सेवक राम भी उन लोगों के सामने कुर्सी लगाकर खाना खाने लगा जो उन्हें नागवार गुजरा और उनमें से किसी एक ने उसकी कुर्सी पर लात मारी! जितेन्द्र कुर्सी सहित नीचे गिर गया जिससे उसकी प्लेट में रखा खाना अन्य लोगों पर जा गिरा ! इस से नाराज लोगों ने उसकी इतनी जमकर पिटाई की घायलवस्था में जितेन्द्र जैसे तैसे अपने घर पहुंचा लेकिन घर में किसी को कुछ नहीं बताया सुबह जब उसकी हालात ज्यादा ही खराब हुई तब उसे मरणासन्न हालात में उसे नैनबाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती करवाया गया! जितेन्द्र की बिगडती हालत देखकर उसे देहरादून के लिए रेफर किया गया जहाँ कुछ दिन इलाज के बाद आखिर उसकी मौत हो गयी!
27अप्रैल को जितेन्द्र को महंत इन्द्रेश अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहाँ 5 मई रविवार को उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया! रोते बिलखते पारिवारिक जन आखिर देहरादून पहुंचे व जितेन्द्र की बहन कुमारी पूजा द्वारा 7 लोगों के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज करवा दी गयी! जिनमें सोबन सिंह पुत्र धूम सिंह, गजेन्द्र सिंह पुत्र प्रेम सिंह, गम्भीर सिंह, गब्बर सिंह, कुशाल सिंह,हरबीर सिंह व हुकम सिंह (सभी के पिता के नाम पता नहीं हैं) प्रमुख हैं!
थाना कैम्पटी पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 147, 323, 504 व 506 के अधीन एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है! जिसकी विवेचना क्षेत्राधिकारी नरेंद्र नगर उत्तम सिंह द्वारा की जा रही है! ज्ञात हो कि मृतक मृतक के पिता की मृत्यु के पश्चात मृतक जैसे तैसे ध्याड़ी मजदूरी कर परिवार का गुजारा कर रहा था लेकिन विधाता का कुछ और ही मंजूर था ! जितेन्द्र अपने पीछे एक बुजुर्ग माँ, 20 बर्षीय बहन व 13 बर्षीय भाई छोड़ गया है! इस मौत ने न सिर्फ जितेन्द्र को मारा है बल्कि मानवता भी सचमुच शर्मसार हो गयी है ! उधर शादी की दहलीज पर खड़ी उसकी बहन पूजा अब किस तरह परिवार सम्भालेगी या क्या उन जैसे गरीबों को न्याय मिल पायेगा यह देखना होगा!