Thursday, August 21, 2025
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षडयंत्र और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में हम कहां तक गिरेंगे ?

(प्रमोद शाह की कलम से)

कोरोना का संकट वैश्विक है और इससे लड़े जाने के कोई ज्ञात उपाय नहीं है। एक छोटे और सीमित संसाधन वाले राज्य के रूप में हमारे लिए यह लड़ाई और अधिक दुष्कर हो जाती है ।

हमारे राज्य की न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि आत्मविश्वास भी पर्यटन और चार धाम यात्रा पर निर्भर है। जब चार धाम यात्रा की तैयारी की जानी हो ,चार धामों के खुलने के मुहूर्त निकल गए हों ,तब ऐसे समय में हमें कोरोना लाचार कर दे ,तो हमारी हताशा समझी जा सकती है।
लेकिन उस सब के बाद भी एक छोटे राज्य के रूप में कोरोनावायरस से हमारी लडा़ई ,कई अन्य राज्यों से बेहतर रही है। इस पूरी अवधि में राज्य की पुलिस ने अपनी तय लक्ष्मण रेखा को पार कर, जिम्मेदारियों का जो बोझ उठाया उसने उसके मानवीय पक्ष को और उजला किया है ।जरूरतमंदों की सूची, और उनका भरोसा किसी और के पास हो अथवा ना हो लेकिन पुलिस इस धर्म को निभा रही है।

प्रवासी उत्तराखंडयो को वापस लाने के संदर्भ में भी हमारे राज्य की व्यवस्था लगभग त्रुटि रहित है। मुनि की रेती जनपद टिहरी गढ़वाल के संचालन केंद्र के संबंध में राज्य की तत्परता को समझा जा सकता है।
दिनांक 4/ 5 मई की रात्रि चंडीगढ़ से 1236 जनपद टिहरी के प्रवासी रात्रि 1:00 बजे के उपरांत मुनी की रेती आए , रात्रि 1:30 बजे I G गढवाल #Ajaayrautela सर और डीजी एल ओ #Ashokkumar सर पूछते हैं कि सभी लोगों के रहने का इंतजाम हुआ अथवा नहीं ,सुबह 6:00 बजे पूछा जाता है चाय की व्यवस्था हुई अथवा नही , रिपोर्ट सीएम आवास जानी है । सुबह 9:00 बजे से जनपद की विभिन्न तहसीलों को प्रस्थान होता है उससे पूर्व सभी को भोजन उपलब्ध करा दिया जाता है। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद किस गाड़ी में कौन कितने बजे रवाना हुआ, इस पर अधिकारी लगातार नजर रखते हो , और रिपोर्ट मुख्यमंत्री तलब करते हो तो आप संवेदनशीलता के स्तर को समझ सकते हैं ।

आज इसी प्रकार 1222 देहरादून में रह रहे प्रवासी टिहरी निवासियों को उसी व्यवस्था के तहत वापस गांव भेजा गया, यह व्यवस्था कमोबेश सभी जनपदों में रही। सरकार का यह कोई एहसान नहीं है, बल्कि कर्तव्य है।

जनता जनार्दन है और सरकार सेवक, सेवा में कमी रह सकती है उस पर टीका टिप्पणी हो सकती है राजनीतिक मत मतांतर हो सकते हैं …।
सवाल यह है कि हम अपने राजनीतिक विरोध और षड्यंत्र में क्या वहां पहुंच जाएंगे कि राज्य के मुख्यमंत्री की मृत्यु की अफवाह फैला दें, तो फिर आगे, इससे आगे गिर जाने से एक समाज के रूप में हमें कौन रोकेगा ? कानूनी प्रक्रिया अपनी जगह है समाज के जिम्मेदार लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी अपनी जगह ।

पतन और षड्यंत्र कि इस गिरावट से मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत आहत हूं। यह हमारे समाज के लिए शुभ संकेत नहीं है। षडयंत्र की गहन पड़ताल होनी ही चाहिए । माना कि मीडिया मैनेजमेंट और इवेंट मैनेजमेंट में कमजोरी के आरोप सही हो सकते हैं।
#Trivendersinghrawat

Himalayan Discover
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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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