बड़कोट/उत्तरकाशी 3 जुलाई 2018 (हि. डिस्कवर)
कभी कभी सच इतना अविश्वशनीय लगता है कि उस पर विश्वास करना बेहद कठिन होता है। ऐसा ही कुछ इस बात से भी लगा जब जेष्ठाड़ी गांव विकास खण्ड बड़कोट के ग्रामीणों ने अपनी स्कूल में नियुक्त प्रदेश की वर्तमान में बेहद चर्चित अध्यापिका उत्तरा बहुगुणा के बारे में कहीं।
राजगढ़ी से करीब दो किमी. दूरी पर स्थित जेष्ठाड़ी गांव का प्राथमिक विद्यालय यूँ तो बरसात में खूब टपक रहा है लेकिन विभाग इसे सुगम दुर्गम की परिधि में ही उलझा हुआ है। जहां इस विद्यालय में 12 छात्र अभी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाली यहां की प्रधानाध्यापिका प्रकरण से बेखबर ये लोग विद्यालय भवन का रोना रोते नजर आते हैं।
गांव के ग्रामीण महिलाएं व कैैलाश डिमरी उत्तरा के बारे में बताते हैं कि मैडम बेहद मिलनसार व व्यवहार कुशल हैं। वह जब तक विद्यालय आती रही हैं वह समय की बेहद पाबन्द व बहुत तरीके से छात्रों को पढ़ाती हैं लेकिन जब से उनके पति की मृत्यु हुई तब से वह बेहद विचलित रहने लगी थी।
वहीं स्टाफ की भोजन माताएं व सहायक अध्यापक साबू लाल उत्तरा बहुगुणा को एक आदर्श अध्यापिका बताते हुए कहते हैं कि मैडम जब तक स्कूल आती रही उनका आम व्यवहार और बोलचाल की भाषा बेहद अनुशासित व आत्म सार करने लायक है। वह अपनी ड्यूटी की समय की बेहद पाबन्द थी। बच्चों से उनका बेहद मृदु व्यवहार था लेकिन अचानक पति की मौत के बाद जाने क्या हुआ कि वह असहज सी रहने लगी और अपने स्थानांतरण हेतु प्रयास करती रही।
जहां एक ओर उत्तरा बहुगुणा पर राजनीति चरम पर है वहीं शिक्षक संगठनों द्वारा उत्तरा बहुगुणा को समर्थन देने की पहल का भी स्वागत होने लगा है। आम लोगों का कहना है कि देर से ही सही शिक्षक संगठन उत्तरा बहुगुणा के समर्थन में आगे तो आया।