देहरादून 12 फरवरी, 2020 (हि. डिस्कवर)
उत्तराखण्ड राज्य सचिवालय में ई-ऑफिस प्रणाली को लागू किए जाने सम्बन्धी एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम माननीय मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत सचिवालय के समस्त अनुभागों, विभागों की फाइलों को ई-ऑफिस के माध्यम से चलाने के सम्बन्ध में आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त और एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक राजीव जोशी और ई-ऑफिस के प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षणार्थियों को ई-ऑफिस की कार्यप्रणाली से अवगत कराया। मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का उद्देश्य है कि सचिवालय और सभी विभागों में प्रदेश और जिला स्तर पर फाइलों के मूवमेंट में तेजी आए, उसके लिए 21 जनवरी, 2020 को मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड सचिवालय में ई-ऑफिस कार्य प्रणाली का शुभारम्भ किया गया।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड प्रदेश ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होने की ओर अग्रसर है। ई-ऑफिस उत्तराखण्ड सरकार के द्वारा शासकीय कार्यों में सुशासन व पारदर्शिता लाये जाने हेतु एक उत्कृष्ट कदम है।
आईटी सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त ने कहा कि ई-ऑफिस के क्रियान्वयन में गति लाने के लिए प्रदेश के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस प्रणाली का गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में आज सचिवालय सभागार में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में इन 10 विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों को ई-ऑफिस के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया। जिनमें मुख्यमंत्री कार्यालय, आईटी, निर्वाचन, प्रोटोकॉल, सचिवालय प्रशासन, युवा कल्याण, नियोजन, महिला सशक्तिकरण, राज्य सम्पत्ति एवं श्रम विभाग शामिल थे। प्रथम चरण में सचिवालय के इन विभागों में ई-ऑफिस के माध्यम से सोमवार से कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
उत्तराखण्ड शासन में ई-ऑफिस प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी द्वारा नियमित मानीटरिंग की जा रही है।
एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक राजीव जोशी ने कहा कि सचिवालय में ई-ऑफिस प्रणाली का शुभारम्भ मुख्यमंत्री जी द्वारा आईएएस सप्ताह के दौरान किया जा चुका है। ई-ऑफिस प्रणाली के लागू हो जाने के उपरान्त जनता की समस्याओं से सम्बन्धित विभिन्न फाइलों का अनुश्रवण बेहद आसान हो जायेगा व अधिकारियों एवं कार्मिकों की कार्यकुशलता में भी बढ़ोत्तरी होगी। इस प्रणाली के पूर्ण रूप से लागू हो जाने के पश्चात मेनुअल फाईलें इलेक्ट्रानिक फाइलों के रूप में चलेंगी तथा अधिकारी व मंत्रीगण एक क्लिक पर ही फाइलों से सम्बन्धित ब्योरा हासिल कर पायेंगे।