Sunday, September 8, 2024
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शान्ति, अमन-चैन, निरोगी काया का प्रादुर्भाव भारत की सनातन धर्म पताका को विश्व पटल पर अंकित !-स्वामी मनमोजी!

ऋषिकेश/देहरादून 3 मार्च 2019 (हि. डिस्कवर)।


गढ़वाल मण्डल विकास निगम और पर्यटन विकास परिषद के सयुंक्त तत्वाधान में आज चतुर्थ दिवस आयोजन समिति की और से बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ सहित पर्यावरण ओर प्रकृति को सुरक्षित रखने की योग साधको को जिम्मेदारी सौंपी गई। निरोग जीवन पाने के लिये योग और स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वस्थ्य पर्यावरण ,निर्मल गंगा का संकल्प भी आवश्यक है तभी सत्य मायने में योग धरा पर उकेरित किया जा सकता है जंहा शान्ति, अमन-चैन,निरोगी काया का प्रादुर्भाव भारत की सनातन धर्म पताका को विश्व पटल पर अंकित कर सकता है।आज के कार्यक्रम पर आध्यात्मिक गुरु स्वामी मोजी बाबा ने अपने सैकड़ो विदेशी साधको के साथ इस भव्य आयोजन में हिस्सा लेकर भारत की संस्कृति, अध्यात्म और योग की जानकारी योग साधको को दी।
आध्यात्मिक गुरु स्वामी मोजी बाबा ने और पर्यावरण सुधार का व्यापक सन्देश योग साधको को दिया गया।

आज अपने सैकड़ो विदेशी शिष्यो के साथ गंगा रिसोर्ट में अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव पर अपने डिवाइन सम्बोधन में उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पूर्व से ही अध्यात्मक गढ़ रहा है इसके साथ ही योग और साहसिक पर्यटन की राजधानी का गौरव इस क्षेत्र को प्राप्त हुआ है।हिन्दूओ की आस्था का मूल स्रोत गंगा का उद्गम स्थल भी यही है सत्य मायने में माँ के दर्शन करने है तो देवभूमि अवश्य आइये।पर्यटन की अपार संभावनाएं यहाँ मौजूद है किन्तु वाबजूद इसके यहाँ की संस्कृति, खानपान, वेशभूषा, सादगी ,सरलता,सहजता के ही हर किसी को संसाधन के अभाव के बाद ही बार बार आने का निमंत्रण देती है।धरती का स्वर्ग भारत देश का छोटा भाग देवभूमि उत्तराखंड बन गया है।अपने सम्बोधन में उनके द्वारा जिज्ञासा रखने वाले योग साधको से प्रश्न लेकर उनका उत्तर भी दिया गया।उन्होंने इस अवसर पर आयोजन समिति को अपनी शुभकामनाये ओर बधाई देकर इसके निरन्तर बढ़ते प्रभाव की मंशा जाहिर की।देर रात्रि हुये सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक गजब सयोंग तब बना जब एयरफोर्स का नेशनल एंथम सॉन्ग बनाने वाले अनुरागी बैंड ने अपनी कला से सबक दिल मोह लिया।जब उन्होंने बताया कि एयरफोर्स के लिए उन्होंने ही राष्ट्रीय गीत बनाया है तो पूरा पाण्डाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

इस अवसर पर योग साधको ने भारत माता जी जय, वन्दे मातरम के गगनभेदी नारे लगाये।योग, प्राणायाम, अध्यात्म और देशभक्ति का अनूठा संगम इस योग महोत्सव की पहचान बन गया है।आज संचलित योग महोत्सव मे जयदेवन ने योगा थैरेपी,जीवानंद ने हठ योगा, डाक्टर पालक्कल एन. पी ने सिध्ह कस्मिक मेडिशियन, सी.एम भण्डारी ने योगा एंड डैली लाईफ, आशीष रावत ने हठ योगा, गोकुल चन्द्राजी ने अष्टाङ्ग योगा, नितिन वीरखरे ने मुद्रा विज्ञान, डॉक्टर संजीव पाण्डेय ने प्राणायाम,स्वामी बोधि वर्तमान ने ज़िब्रिस मेडिशन, डाक्टर टीम जॉन्स ने योग सूत्र ओर भगवतगीता पर अपना ज्ञान योग साधको को दिया।विदेशी योग गुरु उषा माता ने आएंगर योग का ज्ञान योग साधको को दिया जिसमें योग साधको द्वारा भारी उत्साह देखने को मिला।


योग गुरु अमृत देसाई ने योग निंद्रा, योगिविस्वकेतु ने अखण्ड योग/प्राणायाम, राजीव तिवाड़ी ने योगिक मेडिशियशन, योगिविश्वपालजयन्ति ने योग एंड न्यूरोपैथी, सिदार्थजी ने फंडामेंटल आइडियाज ऑफ योगा इन द उपनिषद ,विवेक पंवार ने स्वर तंत्र, अरुण पेरुमाल ने हठ योग, योगी रजनीश ने ट्रेडिशनलयोग, डॉक्टर लक्ष्मी नारायण जोशी ने नाड़ी विज्ञान, आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा सूक्ष्म योग ,स्ट्रोबल्स आशुतोष ने मैकेनिज्म ऑफ वर्ल्ड पीस वाई योगा ,अनंयानिचोले ने योगासना ,सी एम भण्डारी ने सीक्रेट्स ऑफ योग,प्रशांत जख्मोलाने अष्टाङ्ग विन्यास की शिक्षा से योग साधको को परिचित कराया गया।आज लगभग आयोजन समिति की और से 28 योग कक्षाओं के आयोजन किया गया।इस अवसर पर गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड हेतु योग साधको को योग की बारीकियों से अवगत कराते हुए उन्हें प्रेरित कर प्रतिभाग करने को कहा गया है।आयोजन समिति का विश्वाश है कि इस आयोजन से बेहत्तर परिणाम नजर आएंगे ।हम गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में अवश्य अपने योग साधको को सम्मलित कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।


इस अवसर पर योग गुरुओ की माँगनुसार आज शाम को टॉक टू टीचर का आपसी समन्वय ओर संवाद का कार्यक्रम भी निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिये महाप्रबन्धक पर्यटन बी.एल राणा,राजेन्द्र ढोंडियाल, कैलाश कोठारी,सतपाल बिष्ट,,भगवान सिंह रावत, सुरेश पंवार,मनमोहन सिंह,आशीष उनियाल,सफाई कर्मी राकेश, हर्षमणी रतूड़ी, जितेंद्र सजवाण सहित निगम के वरिष्ठ अधिकारीगण ओर कर्मचारी उपस्थित रहे।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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