“मौत” की डगर पर बच्चों दिखाओ चल कर ये देश है तुम्हारा नेता तुम्ही हो कल के।
(पंकज मैंदुली की कलम से)
आज एक सवाल आप सब से मेरा। आपके बच्चे स्कूल कैसे जाते हैं। अगर आपको पता चले आपके बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल कर स्कूल पहुचते हैं तब कैसा लगेगा आपको। किसी भी पल उनकी जान जा सकती है। ये सुन कर भी डर लगता है ना। एक ऐसी ही सिरहन पैदा करने वाली दस्तान है। बांजबगड़ के दर्जनों परिवार के सैकड़ो बच्चों की। इंसाफ की डगर पर बच्चों दिखाओ चल के। इंसाफ तो मिल नहीं रहा बच्चों को इस लिए मैने यहाँ इंसाफ की जगह मौत लिख दिया है। मौत की डगर में इस लिए भी कह रहा हूँ कि जिन रास्तो से बच्चे स्कूल जा रहे हैं उन रास्तो पर जरा सी भी चूक हो जाये तो मौत तय है। इन बच्चों की स्कूल जाने की डगर के हर पग पर ख़तरे ही खतरे हैं।
ये तस्वीर देखिये। जिसमे एक आदमी एक छोटी सी बच्ची को खीच रहा है। तस्वीर देख कर आपको लगेगा की लड़की कही गिर गयी है, लेकिन ऐसा नहीं है। बच्चों का स्कूल जाने वाला पुल टूट गया है। बच्ची एक स्स्से के सहारे ऊपर चढ़ रही है। जिसे ऊपर खड़ा एक आदमी निकाल रहा है। बच्ची के ठीक नीचे बड़े बड़े पत्थर व चुफला गाड़ नदी बह रही है। जरा सी चूक बच्चों पर भारी पड़ सकती है। नदी के दूसरे छोर पर प्राइमेरी व इंटर कालेज है। जिसमे पढ़ने के लिए इसी हालात में एक से लेकर 12वी में पढ़ने वाले दर्जनों बच्चे जा रहे हैं।
जिसे देख कर हर एक माँ बाप के कलेजे से आह निकल आयेगी। लेकिन इन सब से हमारी सरकारें हमारा प्रशासन ने आँखे फेर रखी है। अगर आप इन बच्चों की मदद करना चाहते हैं तो मुख्य मंत्री उत्तराखंड, जिला अधिकारी चमोली 8307602555, SSP चमोली 9411112722 को फोन करे व इस बारे में बताएं।