नई दिल्ली 1 मई 2019 (हि. डिस्कवर)
यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र) ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘‘जैश-ए-मोहम्मद’’ के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है। भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है साथ ही इसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस कूटनीतिक घेराबंदी का हिस्सा भी बताया जा रहा है जिसके फलस्वरूप आखिरकार चीन को भी अपनी वीटो पावर के इस्तेमाल को वापस लेना पड़ा है।
मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किये जाने पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर खुशी जताई है। उन्होंने एएनआई से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे बहुत खुशी है, आखिर कर मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया गया। सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत उसे ‘‘काली सूची’’ में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन द्वारा अपनी रोक हटा लेने के बाद यह कदम उठाया गया।
वहीं संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि व भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने मसूद अजहर प्रकरण पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि बड़े, छोटे, सभी एकजुट हुए। मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया है। समर्थन करने के लिए सभी का आभार। संयुक्त राष्ट्र द्वारा अजहर को आतंकी घोषित किए जाने के बाद अब उसकी संपत्ति जब्त हो सकेगी और उस पर यात्रा प्रतिबंध तथा हथियार संबंधी प्रतिबंध लग सकेगा।
आपको जानकारी दे दें कि चीन ने उस प्रस्ताव पर से अपनी वीटो पावर हटा ली है जिसे फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में फरवरी में लाया गया था। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर 14 फरवरी को पाक के आतंकी संगठन जैश के आतंकी हमला करने के कुछ ही दिनों बाद यह प्रस्ताव लाया गया था।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सुरक्षा परिषद ने पुलवामा के आतंकी हमले के बाद मसूद अजहर पर सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आवाज उठाई थी जिसमें चीन द्वारा पूर्व में वीटो पावर का इस्तेमाल कर अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी बनाये जाने में रोड़ा अटकाया गया था लेकिन अब उसने वह रोक हटा दी जिससे अजहर मसूद अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित हो गया है। इसे भारत सरकार और विशेषकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष कूटनीति का हिस्सा माना जा रहा है।