Tuesday, October 21, 2025
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मुझे खेद है कि मैंने जनहित का मामला उठाते हुए मानवीय भूल की लेकिन क्या आप भी इस बात को स्वीकार करेंगे।

(मनोज इष्टवाल)

मैं सचमुच अचकचा गया था जब विगत 09 जुलाई 2020 को मुझे मेरे न्यूज़ पोर्टल हिमालयन डिस्कवर में महानिदेशक सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग का मेल प्राप्त हुआ जिसमें मेरे द्वारा लिखी एक खबर पर विभाग द्वारा आड़े हाथों लेते हुए उसे तथ्यहीन आधार पर प्रकाशित किया गया बताते हुए इसे न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से सनसनी करने का प्रयास बताया है। पत्र के माध्यम से मुझे निर्देश दिए गए थे कि मैं इसका खंडन छापूं।

लोकतंत्र में पत्रकार व पत्रकारिता एक स्वायत्त संस्था की तरह होते हैं जिनके लिए लोक समाज से जुड़े मुद्दों पर पत्रकारिता करना प्रथम कर्तब्य होता है। इस खबर में भी जनहित को सर्वोपरि मानते हुए मेरे द्वारा उपरोक्त खबर लिखी गयी थी। जिसका जबाब मेरे द्वारा सूचना विभाग को तो भेज ही दिया गया है लेकिन विभाग द्वारा इसके खंडन को छापने के लिए मुझसे कहा गया था अतएव यह मुद्दा मेरे द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है।

पढिये विभागीय पत्र व मेरे द्वारा प्रेषित किया गया खंडन :-

श्रीमान महानिदेशक
सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग,
सूचना भवन, लाड़पुर, रिंग रोड
देहरादून (उत्तराखंड)

बिषय:- मेरे न्यूज़ पोर्टल www.himalayandiscover.com में प्रकाशित समाचार के खंडन के सम्बन्ध में!

महोदय,

कृपया आप द्वारा जारी पत्र पत्रांक संख्या-173/सू.एवं लो.सं.वि. (क्षे.प्र.फ़ो.फि.) 63/2020 दिनांक 07 जुलाई 2020 का सन्दर्भ ग्रहण करना चाहें! आप द्वारा मेरे न्यूज़ पोर्टल में छपी खबर “कहीं नियमों को ताक पर रखकर तो जारी नहीं की सूचना विभाग ने ये निविदा!” को तथ्यहीन आधार पर प्रकाशित समाचार माना है जबकि यह सत्य नहीं है क्योंकि:-
1- मेरे द्वारा उपरोक्त खबर लिखने से पूर्व आपके विभिन्न अखबारों में छपी निविदा को देखा गया था जिनमें दैनिक अमर उजाला, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, हिन्दुस्तान टाइम्स आदि हैं! साथ ही मेरे द्वारा आपका 32 पृष्ठ का टेंडर डॉक्यूमेंट पढ़ा गया था!
आप द्वारा इंगित किया गया कि मेरी खबर में टेंडर 02 जून 2020 को खोल देने की बात लिखी हुई है जबकि निविदा 26 जून 2020 को प्रकाशित हुई !
2- इस भूल पर मुझे बेहद खेद है क्योंकि यह मेरे द्वारा मानवीय भूल कही जा सकती है जो अक्सर सभी से हो जाया करती है! जैसे आप द्वारा जारी दैनिक अमर उजाला में छपे इसी विज्ञापन में महानिदेशालय सूचना एवं जनसम्पर्क इनफरमेशन भवन लिखा गया है जबकि यह शुद्ध रूप से महानिदेशालय, सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, सूचना भवन होना चाहिए था! मैं इसे मानवीय भूल मानता हूँ और खेद भी प्रकट करता हूँ लेकिन यह मानवीय भूल दोनों ओर से मानी जानी चाहिए! क्योंकि अगर टेंडर हिंदी में प्रकाशित है तो उसमें लिखे गये एक एक शब्द हिंदी के ही होने चाहिए थे क्योंकि यह सिर्फ सूचना विभाग का मामला नहीं है बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के विभाग का मामला है!
आप द्वारा इंगित किया गया है कि मैं अपने न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से सनसनी करने का प्रयास कर रहा हूँ!
3- इस सनसनी शब्द से मुझे घोर आपत्ति है क्योंकि कोई भी पत्रकार लोकतंत्र का पहरेदार होता है व जनहित में जो आवश्यक हो उसके लिए वह अपनी खबरों के माध्यम से अपने दायित्व की पूर्ती करता है! मेरे द्वारा लिखी गयी इस खबर में मैंने सिर्फ प्रश्न उठाया था कि “कहीं नियमों को ताक पर रखकर तो जारी नहीं की सूचना विभाग ने ये निविदा!” फिर यह सनसनी कैसे हो सकती है! ऐसा भी नहीं है कि खबर लिखने से पूर्व उसकी सत्यता की प्रमाणिकता के लिए मेरे द्वारा कभी दूरभाष से महानिदेशक सूचना श्रीमान मेहरबान सिंह बिष्ट जी को सम्पर्क नहीं किया गया हो! उनके नम्बर 9412925666 व 8057308608 पर सम्पर्क करने में घंटी बजती रहती है, फोन उठता नहीं है और न ही कॉल बैक आता है! ऐसे में अगर उन्हें संदेश भी भेजो तब भी उसका रिप्लाई नहीं मिलता जबकि न्यूज़ पोर्टल एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष होने के नाते जब हमारी एसोसिएशन के सदस्य उनसे मिले थे तब महानिदेशक जी द्वारा हमें अपने नम्बर शेयर किये गये थे व कहा गया था कि हम उन्हें कभी भी फोन करें तो फोन उठाएंगे! ऐसे में एक पत्रकार के पास जनहित सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के लिए अगर एक प्रश्न उठाया गया है तो वह सनसनी कैसे हो गयी यह शब्द मुझे आश्चर्य चकित करता है!
आप द्वारा पत्र में लिखा गया है कि उक्त निविदा 26 जून 2020 को प्रकाशित की गयी व अंतिम तिथि 10 जुलाई 2020 रखी गयी है!


4- इस पर मेरा कहना है कि यह संशोधन आप द्वारा कब किया गया मुझे इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि विगत 7 जुलाई 2020 तक आपकी साईट पर टेंडर डॉक्यूमेंट नाम से tech_doc नाम से 32 पृष्ठ की फाइल उपलब्ध थी जो मैंने डाउनलोड की है व उसमें भी जारी तिथि 26 जून 2020 व अंतिम तिथि 03 जुलाई 2020 रखी गयी है! ऐसे में टेंडर संसोधन सम्बन्धी जानकारी कब जारी हुई व किन-किन अखबारों में जारी की गयी, यह मेरे संज्ञान में नहीं है !
आपका कहना है कि आप द्वारा निविदा का इसलिए व्यापक प्रचार प्रसार किया गया ताकि अधिक से अधिक कम्पनियां इसमें प्रतिभाग कर सकें!
5- आपके इस निर्णय का जनहित देखते हुए मैं स्वागत करता हूँ लेकिन साथ ही यह भी जानना चाहता हूँ कि पूर्व में ही जो सूचना भवन में सेटअप लगा हुआ है, क्या वह अपर्याप्त है?
अंत में आपको जानकारी देना चाहूँगा कि मेरे द्वारा आपके निविदा विज्ञापन संख्या –157/DIPR/EM/63/2020 पर प्रश्न उठाते हुए इसे इसलिए बिषयगत किया गया था क्योंकि मेरे द्वारा इससे पूर्व सेंट्रल बिजिलेंस कमीशन भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स बुक “COMMON IRREGULARITIES/LAPSES OBSERVED IN AWARD AND EXECUTION OF ELECTRIC MECHANICAL AND OTHER CONTRACTS AND GUIDELINESS FOR IMPROVEMENT THEREOF” के चैप्टर 7- NOTICE INVITING TENDERS PAGE-19, चैप्टर9- TENDER/BID DOCUMENTS PAGE-23, चैप्टर 11- POSTPOND OF TENDER OPENING PAGE-25 का अध्ययन किया गया था जिसके अनुरूप मेरे द्वारा खबर में प्रश्न उठाया गया था! खबर में मेरी उत्सुकता यह थी कि क्या 26 जून 2020 को जारी टेंडर मात्र 09 दिन यानि 03 जुलाई 2020 तक जारी किया जा सकता है?

महोदय, यह हम जैसे पत्रकार के लिए बेहद पीड़ादायक क्षण होते हैं, जो सिर्फ और सिर्फ पत्रकारिता ही करते हैं! यह असहनीय भी लगता है कि हम सरकार व सरकारी तन्त्र के सभी गरिमामय संस्थानों के प्रचार-प्रसार को हमेशा अपनी कलम से क्षारगर्वित करते रहते हैं लेकिन फिर भी सरकारी सुविधाओं से हम लोगों को हाशिये पर रखा जाता है! विगत 20 बर्ष की पत्रकारिता में सरकार की ओर से सिर्फ 20 हजार का विज्ञापन पाने वाला शायद मुझ जैसा अन्य कोई बिरला पत्रकार सूचना विभाग को नहीं मिलेगा! मैं लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकसमाज, लोक संस्कृति के संरक्षण की पत्रकारिता करते हुए अपने को गौरान्वित महसूस करता हूँ और बड़े गर्व के साथ कहता हूँ कि अपनी लगभग 32 साल की पत्रकारिता में एक भी दाग मेरे ऊपर नहीं है कि कोई मुझे दलाल पत्रकार या अन्य संबोधनों से पुकार सके!
आप द्वारा प्रेषित इस पत्र में सनसनी जैसे शब्द जोड़कर मुझे जिस तरह अलंकृत किया गया है वह मेरे लिए सबक है, क्योंकि आज तक अपनी सरकार की नीतियों योजनाओं के प्रचार प्रसार को ब्यापकता से उठाने के बाद ऐसा अलंकरण मिलना मेरे सम्मान को ठेस पहुंचाता है! काश…..आप द्वारा मेरी उन खबरों का संज्ञान भी लिया जाता जिनके द्वारा मुझे देश विदेश के विभिन्न छोटे बड़े प्लेटफॉर्म पर सम्मानित किया गया है!
भवदीय
मनोज इष्टवाल
सम्पादक
हिमालयन डिस्कवर

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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