Friday, November 22, 2024
HomeUncategorizedमुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने किया टिहरी लेक महोत्सव का शुभारम्भ।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने किया टिहरी लेक महोत्सव का शुभारम्भ।

नई टिहरी/देहरादून 25 फरवरी, 2019 (हि. डिस्कवर)

  • टिहरी झील है हमारी अनमोल धरोहरः मुख्यमंत्री
  • टिहरी झील साहसिक पर्यटन का है प्रमुख केन्द्र 
  • टिहरी झील में उतरेंगे शीघ्र सी-प्लेन
  • झील महोत्सव में प्रतिभाग कर रहे 24 राज्यों के प्रतिनिधि
  • प्रदेश के युवाओं का भविष्य संवार रही है टिहरी झील

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने टिहरी में तीन दिवसीय टिहरी लेक महोत्सव-2019 का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील हमारे लिये अनमोल धरोहर की तरह है, जिसमें देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता है। इस झील में हमे उत्तराखण्ड के बच्चों का भविष्य नजर आता है। प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य एवं संकल्पना को साकार करने के लिये झील महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करना है। खर्चीलें टूरिस्ट यहां आयेंगे तो इस क्षेत्र की आर्थिकी को और मजबूती मिल सकती है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि जो व्यक्ति टिहरी झील को देखेगा वह बार-बार यहां आयेगा। गत वर्ष 13 राज्यों के प्रतिभागी टिहरी झील महोत्सव में आये थे और इस बार 24 राज्यों के प्रतिनिधि इस महोत्सव में प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा 13 जिले 13 डेस्टीनेशन की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई टिहरी क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए सरकार प्रयासरत हैं। डोबरा-चांठी पुल के निर्माण के बाद टिहरी के दोनो ओर होटल, रिजोर्ट एवं शिक्षण संस्थान बनेगें। इससे पर्यटकों को अधिक सुविधाये उपलब्ध हो सकेंगी।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि टिहरी में आवागमन को सुगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक मुश्त रूपये 88 करोड़ डोबरा-चांठी पुल निर्माण के लिए अवमुक्त किये हैं। ऑलवेदर रोड़ पर भी कार्य चल रहा है। ऑलवेदर रोड़ बनने के बाद ऋषिकेश से नई टिहरी पहुंचने में मात्र डेढ घण्टे का समय लगेगा।

उन्होंने कहा कि टिहरी झील में सी प्लेन उतारने के लिए भारत सरकार द्वारा सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शीघ्र ही टिहरी झील में सी प्लेन उतारा जायेगा। अगले आने वाले 10-15 वर्षो में टिहरी का एक नया स्वरूप सामने आयेगा जो निश्चित रूप से देश व दुनिया को अपने ओर आकर्षित करने में मददगार रहेगा।  गंगा नदी की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाये रखने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने ‘‘यह कल-कल बहती गंगा की धारा क्या कहती….. ‘‘ पंक्तियों के माध्यम से पवित्रगंगा का स्मरण किया। उन्हांने कहा कि गंगा नदी हमें त्याग व समर्पण सीखाती है निर्मलता का संदेश देती है। हम सभी को गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता को बनाये रखने में योगदान देना होगा। उन्होंने टिहरी की जनता से अतिथि सत्कार की भावना विकसित करने की भी अपील की ताकि अधिक से अधिक पर्यटक टिहरी भ्रमण पर आने के लिए प्रेरित हों।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने नई टिहरी साहसिक खेल अकादमी का नाम एवरेस्ट विजेता स्व0 दिनेश सिंह रावत के नाम पर रखे जाने की घोषणा की। उन्होंने मां राजेश्वरी महिला स्वयं सहायता समूह को सिलाई व्यवसाय, जागृति महिला वचन समूह को डेरी व्यवसाय एवं भगवती महिला स्वयं सहायता समूह को अगरबत्ती उद्योग विकसित करने के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर रूपये पांच-पांच लाख के ऋण के चेक वितरित किये। 

इस अवसर पर जनपद के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि टिहरी झील क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्षो से अभिनव प्रयास किये जा रहें है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने अपने सम्बोधन में कहा कि शासन की सोची समझी रणनीति के तहत ही टिहरी लेक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सरकार का मकसद टिहरी झील क्षेत्र की सूरत बदलना है। इस महोत्सव के माध्यम से देश-विदेश के पर्यटकों का ध्यान टिहरी क्षेत्र की ओर आकर्षित करना हैं। जिसके लिए शासन और प्रशासन कार्य कर रहा हैं। कार्यक्रम को टिहरी सांसद मालाराज लक्ष्मी शाह एवं क्षेत्रीय विधायक धन सिंह नेगी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर विधायक विजय सिंह पंवार व शक्तिलाल शाह, गढवाल मण्डल विकास निगम के अध्यक्ष महाबीर सिंह रांगड, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, स्वामी चिदानंदमुनी, जिलाधिकारी सोनिका, पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई आदि उपस्थित थे।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES