Sunday, September 8, 2024
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ब्यूरोक्रेट्स चला रहे सरकार, मन्त्री बने तमाशबीन- रघुनाथ सिंह नेगी

देहरादून 6 जुलाई 2019 (हि.डिस्कवर)

मंत्रियों की अनुभवहीनता/ अज्ञानता का अधिकारी उठा रहे लाभ।
अधिकांश मंत्रियों का न्यायिक मामलों में है अनुभव शून्य।
अगर सब कुछ अधिकारियों के हिसाब से ही होना है तो मंत्रियों का क्या काम !

जनसंघर्ष मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश मंत्रियों व मुख्यमन्त्री की अनुभवहीनता/अज्ञानता प्रदेश के विकास व आम आदमी को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में बाधा बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि सरकारी धन/योजना को किस तरह ठिकाने लगाना है व अपने व्यापार को कैसे बढ़ाना है, ये तो मंत्री/मुख्यमंत्री भली-भाॅंति जानते हैं लेकिन महत्व मामलों जैसे मा0 उच्चतम न्यायालय, मा0 उच्च न्यायालय व जनहित आदि के महत्वपूर्ण मामलों/फैसलों का आमजन पर प्रभाव उनके हितों की रक्षा, उनको होने वाले लाभ, कल्यााकारी योजनाओं आदि मामलों में मंत्रियों की अनुभवहीनता जनता के हितों पर कुठाराघात कर रही हैं।
नेगी ने कहा कि कई मामलों में मा0 उच्च न्यायालय या शीर्ष न्यायालय जनहित में बड़ा फैसला देते हैं, जिससे जनता को उसका लाभ मिले, लेकिन अधिकारी कार्य विभाजन का लाभ उठाकर (सचिवालय अनुदेश के नियम 14 व 15 के तहत) अपने पक्ष में आदेश करा लेते हैं, जिस कारण सम्बन्धित मंत्री तक पत्रावली उनके संज्ञानार्थ लायी ही नहीं जाती, यानि उनकी राय तक नहीं ली जाती। उक्त मामले में अधिकारी पत्रावलियों को अनावश्यक रूप से घुमाते रहते हैं, जिससे सरकारी धन का भारी दुरूपयोग होता है। अगर मा0 न्यायालय के आदेशों का मंत्रीगण अध्ययन नहीं कर सकते तो अधिकारी व अपने विश्वस्तों से ही राय मशवरा कर लिया करें।

मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेग ने मंत्रियों की कार्यप्रणाली पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि मंत्री/मुख्यमंत्री न्यायिक व जनहित आदि के मामले में थोड़ा सा ज्ञान जरूर हासिल कर लें। पत्रकार वार्ता में मोर्चा जिला अध्यक्ष जिलाध्यक्ष डॉ ओ.पी. पंवार, दिलबाग सिंह, विजयराम शर्मा, बिरेन्द्र सिंह आदि थे।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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