रूद्रप्रयाग (हि. डिस्कवर)
जाने क्यों पिछले दो दशकों से उत्तराखंड के चमोली व रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जनपद क्यों अति संवेदनशील बन गए हैं! अगर अतिवृष्टि हुई तो इन जिलों के ग्रामीणों की नींद हराम हो जाती है! आये बर्ष भूस्खलन व बादल फटने की घटनाओं ने यहाँ के जनमानस का जीवन अस्त ब्यस्त कर दिया है! यह प्रकृति का प्रकोप है या फिर प्रकृति के साथ मानव की छेड़छाड़ ..! कह पाना सम्भव नहीं है! विगत रात्रि जनपद के देवाल क्षेत्र के गाँव फल्दिया में बादल फटने से भारी नुक्सान हुआ है जिसमें दो महिलायें, ६ गाय व १ भैंस मलवे व पानी के साथ बह या दब गए हैं व १२ मकान जमींदोज होने की खबर है!
वरिष्ठ पत्रकार व क्षेत्रीय समाजसेवी अर्जुन सिंह बिष्ट जानकारी देते हुए बताते हैं कि बीती रात (शुक्रवार) देवाल क्षेत्र में आपदा ने जनजीवन तहस-नहस कर दिया। स्थानीय लोग व्यवस्थाओं को ठीक करने में जुटे हैं। प्रशासन की स्थानीय इकाई भी लगी है। हरिपुर में मुंदोली, वाण को जोड़ने वाला पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया जिसे तुरंत ठीक किये जाने की आवश्यकता है। आपदा से हुए नुकसान का अन्य ब्योरा निम्नवत है, जो किसी साथी ने शेयर किया है। उम्मीद है जल्दी सब ठीक करने के लिए बड़ा सिस्टम तुरंत हरकत में आएगा।
चौकी देवाल के अंतर्गत ग्राम उलनग्रा, तलोर, पदमल्ला, बामन बेरा व फल्दिया गांव में देर रात्री करीब पौने दस बजे गांव के पीछे के जंगल में बादल फटने से उक्त गांव में भारी मलवा आया है एवं फल्दिया गांव के बीचों-बीच बहने वाले बरसाती गधेरों मैं भारी मलुवा आ जाने के कारण फल्दिया गांव की श्रीमती पुष्पा देवी पत्नी रमेश राम उम्र 29 साल व उनकी पुत्री ज्योति पुत्री रमेश राम उम्र लगभग 5 वर्ष, 6 गाय व एक भैंस मलवे व पानी के साथ लापता हैं जबकि 12 मकान जमींदोज हो गए हैं!
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि कई अन्य मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं एवं ग्राम बामन बेरा में 01 गौशाला दबने इसमें 04 मवेशी के होने की सूचना है । जगह-जगह रोड ब्लॉक हो रखी है अन्य गांवों में भी मकानों एवं खेतों में काफी नुकसान है! जनहानि एवं पशु हानि कि अभी सूचना नहीं है जानकारी की जा रही है पुलिस प्रशासन एसडीआरएफ मौके पर जानकारी कर लोगों को आवश्यक सुविधा मुहैया करवाई जा रही है । गांव में रह रहे 10-12 परिवारों को गांव की प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल में रहने की व्यवस्था करवाई जा रही है।
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