Monday, December 23, 2024
HomeUncategorizedप्रकृति से जोडती है हमारी संस्कृति-मुख्यमंत्री

प्रकृति से जोडती है हमारी संस्कृति-मुख्यमंत्री

देहरादून 21 जुलाई, 2019(हि. डिस्कवर)

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी के अणुप्रयास की जरूरत है।  रामसेतु के निर्माण में जिस प्रकार एक गिलहरी भी अपना योगदान दे रही थी उसी प्रकार पर्यावरण संरक्षण में छोटी से छोटी कोशिश भी बहुत महत्वपूर्ण है। छोटी-छोटी कोशिशें मिलकर ही बङा परिवर्तन लाती हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  पर्यावरण व वनीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए डाक विभाग उत्तराखंड परिमण्डल द्वारा आयोजित वाकिंग रेस को रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति हमे प्रकृति से जोङती है। हमारे यहाँ  पेङ पौधों, नदियों, कुओं व पशुओं की पूजा की जाती है। इसके पीछे वैज्ञानिक आधार रहा है। पीपल, बरगद, तुलसी, गाय के गुणों को आज विज्ञान भी मानता है। हमारे पूर्वजों ने जो ज्ञान की धरोहर सौंपी है उस पर चलकर ही प्रकृति व पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व नीति आयोग ने जल संचय- जल संरक्षण पर बल दिया है।  राज्य सरकार भी इसके लिए प्रयासरत है। हर जिले में एक-एक वाटरशेड विकसित करने के निर्देश दिये हैं। जल स्त्रोतों को रीचार्ज या पुनर्जीवित किया जाएगा। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संचय व जल संरक्षण के लिए पेङ जरूरी हैं। पेङ है तो पानी है। पानी अमूल्य है। पानी बचाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रतिबद्धता के साथ कोशिश करनी होगी। अगर टायलेट के सिस्टर्न में एक लीटर की बोतल रख दी जाए तो भी प्रतिदिन लाखों लीटर पानी बचाया जा सकता है। 
इस अवसर पर चीफ पोस्टमास्टर जनरल उत्तराखंड परिमण्डल कर्नल सुखधर राज, निदेशक एसके राय भी उपस्थित थे। 

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES