(वरिष्ठ पत्रकार बिजेंद्र रावत की कलम से)
ये है, पहाड़ के नायक 78 वर्षीय करम सिह तोमर व उनके सुपुत्र निर्मल तोमर….जो अपनी मेहनत से उत्तम किस्म के लाखो फलदार पौधे तैयार कर रहे है और वे उत्तराखंड सहित देशभर मे जा रहे है, बागवानी प्रदेश हिमाचल के बागवान भी इनके पौधो के दीवाने है| यहा हर दिन लाखो की पौध बिकती है| मैने भी कुछ पौध ली और उनको अपनी पुस्तक “The real heroes of Uttarakhand” भी भेटं की……कर्मयोगी पिता पुत्र को साधुवाद…….।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के किचन गार्डन में अब एक ही पेड़ पर आम की 42 प्रजातियां देखने को मिलेगी। और यह कमाल किया है जौनसार बाबर के निर्मल तोमर ने।
हरबर्टपुर से 3 किलोमीटर की दूरी पर धर्मावाला में निर्मल नर्सरी आकर्षण का केंद्र है। प्रदेश का शायद ही ऐसा कोई वनस्पति वैज्ञानिक, शोधकर्ता, कृषक एवं बागवान प्रेमी होगा जो इस नर्सरी में ना आया हो।
यह न केवल पौधों की विभिन्न प्रजातियों की नर्सरी तैयार करने का केंद्र है बल्कि वनस्पति विज्ञान पर शोध एवं अध्ययन का केंद्र भी है, जहां आम के 1 पेड़ पर 156 प्रकार के आम तैयार होते हैं।
जब कोई शोधार्थी छात्र जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो निर्मल एक सधे हुए बोटनिस्ट की भांति उसकी बारीकियों को समझाते हैं। शोधार्थी के पास प्रश्न कम पड़ जाते हैं जब निर्मल पौधों और बागवानी पर तार्किक जानकारी देना शुरू करते है।
निर्मल की इस सुंदर बगिया में फलों और फूलों की खुशबू के बीच निर्मल की मंद मंद मुस्कान उसकी कड़ी मेहनत, संघर्ष एवं सफलता की कहानी बयां करती है। निश्चित रूप से इस अद्भुत बगिया को स्थापित करने में उनके पिता श्री करम सिंह जी की कर्म शीलता झलकती है वही इस बगिया को ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए निर्मल की निर्मलता भी कम नहीं है।