Friday, August 22, 2025
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देहरादून के सूरत निवासी देवेश्वर भट्ट ने 12 सौ लोगों की बनाई रेलवे टिकट! सूरत का उत्तराखंड समाज चलवा रहा है अपने दम पर रेल!

(मनोज इष्टवाल)
सरकार माफ़ करना लेकिन हर बात के क्रेडिट में अगर आप ऐसी बातें भी जोड़ देते तो शायद डॉ. देवेश्वर केशवानंद भट्ट जैसे जाने कितने और हाथ आपका हाथ बंटाने आगे आते! कल से सोशल मीडिया व मीडिया में जहाँ राज्य सरकार सूरत गुजरात से चलने वाली ट्रेन पर खूब प्रचार कर रही है कि उत्तराखंड के जनमानस को वह वापस लाने में ट्रेन चला रहे हैं और उसमें इतने लोग सवार होकर आ रहे हैं! देहरादून पहुँचने वाले लोग भी सरकार की इस सेवा से प्रसन्नचित्त हैं व इस कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं लेकिन किसी के मुंह से डॉ. देवेश्वर केशवानंद भट्ट का नाम निकला हो ऐसा नहीं जान पड़ता! इधर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आधिकारिक बयान है कि उन्होंने रेलवे को 50 लाख रुपये का इस संदर्भ में भुगतान किया है।

रेडिओ जॉकी ममता भट्ट ने जब सोशल साईट पर 1200 रेलवे टिकट का पुलिंदा दिखाते हुए अपने पिताश्री डॉ.देवेश्वर केशवानंद भट्ट के इस कारनामे से अवगत करवाया तो जाने मुझ जैसे और कितने लोग उनके इस कृत्य से हतप्रभ रह गए होंगे! डॉ. देवेश्वर केशवानंद भट्ट कहते हैं कि उन्होंने जब देखा कि उत्तराखंड के जो लोग सूरत में फैक्ट्री व होटल्स इत्यादि में काम करने वाले लोगों का रोजगार समाप्त हो गया है व वे किसी भी सूरत में अपने गाँव लौटने को व्याकुल हैं! क्योंकि मैं उत्तराखंड समाज सूरत का अध्यक्ष भी हूँ तो स्वाभाविक सी बात है कि मेरे पास लगातार इस सम्बन्ध में फोन आ रहे थे! मैंने गोपाल गोस्वामी व सूरत के अन्य उत्तराखंडी लोगों से सम्पर्क साधा और तय किया कि हम अपने दम पर यहाँ फंसे लगभग 5000 लोगों को वापस उत्तराखंड भेजने की व्यवस्था करेंगे! आज 11 मई को उन्होंने लगातार गुजरात सरकार व जिला प्रशासन से सम्पर्क साध कर आखिर पहली ट्रेन बुक करवाई जिसमें 1200 लोग सूरत से हल्द्वानी पहुंचेंगे व कल 12 मई के लिए भी एक ट्रेन बुक करवाई है जिसमें 1200 लोग हरिद्वार जायेंगे! अभी लगता है दो ट्रेन और उन्हें चलवानी पड़ेंगी!
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डॉ. देवेश्वर केशवानंद भट्ट की पुत्री रेडिओ जॉकी ममता भट्ट बताती हैं कि पिछले एक हफ्ते से जिस तरह उनके पिता जी इस समाजसेवा से घर का माहौल किसी महाभारत से कम नहीं था आज उसका प्रतिफल देखकर मुझे अपने पापा पर नाज है! जबकि पूर्व में मैं खुद पापा को कह रही थी कि पापा बेवजह टांग मत अडाओ क्योंकि यह काम मुश्किल नहीं बेहद मुश्किल है लेकिन अपने निश्चय के प्रति दृढ मेरे पापा ने जो कर दिखाया आज सचमुच वे मेरे कोरोना वारियर हैं क्योंकि उन्होंने अपनी माटी के प्रति जिस निष्ठा के साथ अपने समाज के लोगों के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम दिया वह निश्चित ही हम सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं! ममता कहती हैं शुक्रिया गुजरात सरकार व जिला प्रशासन..! जिन्होंने हर कठिनाई को सरल बनाने में हमारे समाज की मदद की व उत्तराखंडी जनमानस को ट्रेन उपलब्ध करवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी!
यहां पूरे वीडियो में एक बार भी न ममता भट्ट ने व ना ही डॉ देवेश्वर केशवानंद भट्ट ने उत्तराखंड सरकार से अपने लगातार संपर्क की चर्चा की है जबकि सूत्रों का कहना है कि डॉ देवेश्वर भट्ट व उत्तराखंड समाज सूरत लगातार उत्तराखंड सरकार से सम्पर्क बनाये हुए थे।

बहरहाल आपको जानकारी दे दें कि डॉ. देवेश्वर केशवानंद जोशी देहरादून व मूलतः पौड़ी गढवाल से हैं व सूरत में एक कम्पनी के चेयरमैन/ मैनेजिंग डायरेक्टर हैं! साथ ही वे उत्तराखंड समाज सूरत के अध्यक्ष व पूर्व में लायंस डिस्ट्रिक्ट गर्वनर भी रहे हैं!

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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