सामाजिक जागरूकता व विभिन्न राज्यों की पुलिस में आपसी समन्वय जरूरी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चंडीगढ़ में ‘‘नशे के खिलाफ संयुक्त रणनीति’’ पर आयोजित सम्मेलन में प्रतिभाग किया।
पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने भी सम्मेलन में शिरकत की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चंडीगढ़ में ‘‘नशे के खिलाफ संयुक्त रणनीति’’ पर आयोजित सम्मेलन में प्रतिभाग किया। हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित संयुक्त सम्मेलन में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित संबंधित राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। सम्मेलन ड्रग्स की समस्या व इससे संयुक्त रूप से लड़ने के लिए रणनीति बनाने पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार नशे के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। ड्रग्स की समस्या एक-दो राज्यों की समस्या नहीं है। इससे प्रभावी तौर पर निपटने के लिए सभी संबंधित राज्यों को मिलकर रणनीति बनानी होगी। विशेष तौर पर पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश को मिलकर काम करना होगा। इन राज्यों की पुलिस में बेहतर समन्वय स्थापित करना होगा। मुख्यमंत्री ने खुफिया तंत्र को मजबूत करते हुए एक-दूसरे से सूचनाओं को साझा किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही चिंताजनक है कि हमारे युवा नशे के जाल में फंसते जा रहे हैं। अपने युवाओं को ड्रग्स माफिया से बचाने के लिए फूल प्रूफ प्लान बनाकर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा। इसमें शिक्षण संस्थानों पर विशेष नजर रखनी होगी। नशे के खिलाफ लड़ाई में अध्यापकों, अभिभावकों व स्वयं सेवी संस्थाओं को भी साथ लेना होगा। नशा कानूनी समस्या के साथ ही सामाजिक समस्या भी है। नशे की समस्या को जड़ से मिटाने के लिए व्यापक जन जागरूकता बहुत जरूरी है।
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