देहरादून 31 जुलाई, 2018(हि. डिस्कवर)
प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा में कृषकों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से परम्परागत कृषि विकास योजना की समीक्षा बैठक की।
बैठक में निर्देश दिया गया कि परम्परागत कृषि विकास योजना के लिए जैविक कृषि के अन्तर्गत दस हजार स्वीकृत क्लस्टर में से प्रथम चरण के अन्तर्गत स्वीकृत जैविक कृषि के क्षेत्र में 3900 नवीन क्लस्टर के लिए कार्य योजना के क्रियान्वयन हेतु रूपरेखा तैयार किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
परम्परागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य कृषि के अतिरिक्त कृषि अलाइड सेक्टर, उद्यान, जड़ी-बूटी, सगन्ध पौध उत्पादन एवं रेशम के क्षेत्र में क्रियान्वित कर कृषकों की आय में दोगुना वृद्धि करना है। योजना का उद्देश्य परम्परागत कृषि को बढ़ावा देते हुए टिकाऊ कृषि के लिए प्रयास करना है।
इस योजना में कृषि क्षेत्र के 78 हजार हेक्टेयर को शामिल किया गया है। इस योजना के पूर्व लगभग 80 हजार कृषक इस योजना के अन्तर्गत कार्य कर रहे हैं। इस योजना के बाद लगभग 78 हजार नये इस योजना में जुड़ जायेंगे। यह प्रयास उत्तराखण्ड राज्य को जैविक कृषि की ओर अग्रसर करेगा।
इस अवसर पर निदेशक कृषि गौरी शंकर, अपर निदेशक कृषि के.सी. पाठक, संयुक्त निदेशक कृषि ए.के. उपाध्याय इत्यादि मौजूद थे।