अब सभी स्कूल/संस्थाएं जो चैरिटेबल ट्रस्ट एक्ट के तहत पंजीकृत हैं उनका भौतिक सत्यापन कर कमियां पाये जाने पर नोटिस जारी करने के साथ ही पंजीकरण निरस्त करने की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी! यह बात आज कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा श्रीमती उषा नेगी ने बैठक में कही।
उन्होंने बैठक में सहायक निबन्धक सहकारी समिति के अधिकारी के उपस्थित न रहने पर नाराजगी जताते हुए निर्देशित किया कि आगामी 16 जुलाई को बाल अधिकार संरक्षण आयोग में उपस्थित होकर सोसाईटी एक्ट के तहत अभी तक पंजीकृत संस्थाओं का विवरण एवं कार्य योजना प्रस्तुत करें। उन्होने कहा कि संस्थाओं का भौतिक सत्यापन किया जाना नितान्त आवश्यक है इसके लिए अधिकारी चैरिटेबल संस्थाओं का निरीक्षण करें तथा अनियमितता पाये जाने पर संस्था को नोटिस जारी करने के साथ ही पंजीकरण निरस्त करने की विधिक कार्यवाही करें। उन्होंने शिक्षा के अधिकार एवं जेजे एक्ट अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समन्वय समिति बनाये जाने पर बल दिया। उन्हांेने बताया कि निजी स्कूल मनमाने तरीके से ट्यूशन/डेवलपमैन्ट चार्ज/एसी/योगा तथा टीचर वेलफैयर फीस आदि मदों में अभिभावकों से वसूली कर रहे हैं, जिससे चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत इनका कार्य व्यवसायिक बन गया है। उन्हांेने कहा कि ऐसे संस्थाओं के उद्देश्यों की पूर्ति जनहित के उद्देश्य पूरा करने के लिए सामाजिक व निःशुल्क होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि ऐसी संस्थाओं द्वारा सदस्य/ट्रस्टी उद्देश्य नियमावली बनाकर हस्ताक्षर से पंजीकरण की कार्यवाही करते है तथा पंजीकरण उपरान्त शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी संस्थाएं स्कूल एवं कालेज बनाकर अपना व्यवसाय चमका रहे हैं, जो चैरिटेबल एक्ट के विरूद्ध है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम को संचालित कराये जाने में कोताही न बरतें तथा संस्थानों द्वारा वसूली करने की शिकायत आती है तो धारा 12डी को हथियार के रूप में इस्तेमाल करें। उन्होंने समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों/ उप शिक्षा अधिकारियों को इस अधिनियम का परिपालन सुनिश्चित कराये जाने को कहा। बैठक में स्कूली बच्चों को लाने ले जाने हेतु उपलब्ध वाहनों की भी जानकारी चाही गयी, जिस पर एआरटीओ ने बताया कि बसों का आकस्मिक निरीक्षण कर 79 बसों का चालान करने के अलावा 31 मैक्सी, टैक्सी, 4 विक्रम व 9 प्राईवेट वाहनों पर चालान की कार्यवाही की गयी। बैठक में श्रीमती नेगी ने कहा कि विशेष शिक्षकों व विशेष बच्चों के लिए संचालित योजना पर निगरानी रखे जानें की आवश्यकता है। उन्होने बैठक मे उपिस्थित अधिकारियों से सजग होकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 बीर सिंह बुदियाल ने चैरिटेबल एक्ट के तहत पंजीकृत संस्थानों पर अंकुश लगाये जाने की कार्ययोजना तैयार करने को कहा। बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी /जिला बाल संरक्षण अधिकारी मीना बिष्ट ने समेकित बाल सरंक्षण योजना की जानकारी भी उपलब्ध कराई।
बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी एस.बी जोशी, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी अरविन्द पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक वाई.एस चौधरी, उप शिक्षा अधिकारी रायपुर मोनिका बम, खण्ड शिक्षा अधिकारी एस.एस तोमर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं आयोग के सदस्य एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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देहरादून, 03 जुलाई 2018, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी देहरादून ने अवगत कराया है कि जनपद के पूर्व सैनिकों एवं सैनिक विधवाओं के आश्रित छात्र/छात्राओं जो इंजीनियरिंग, मेडिकल एवं पीएचडी में अध्ययनरत थे को मा0 मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा देय वर्ष 2014-2015, 2015-2016, 2016-2017 एवं सैनिक पुनर्वास संस्था, उत्तराखण्ड द्वारा देय वर्ष 2017-18 की छात्रवृत्ति अनुदान सम्पूर्ण किस्तों का भुगतान जिला सैनिक कल्याण कार्यालय, कोर्ट कम्पाउण्ड देहरादून में चैक के माध्यम से 31 अगस्त 2018 तक किया जा रहा है। उन्होने बताया कि सम्बन्धित पूर्व सैनिक एवं सैनिक विधवा अपनी डिस्चार्ज बुक एवं तीन /दो रसीदी टिकटों सहित किसी भी कार्यदिवस में प्रातः 10 बजे दोपहर से दोपहर 2 बजे तक अपनी अनुदान राशि का चैक स्वयं उपस्थित होकर प्राप्त कर सकते हैं। निर्धारित तिथि के पश्चात अवशेष धनराशि उत्तराखण्ड शासन एवं सैनिक पुर्नवास संस्था को वापस प्रेषित कर दी जायेगी और किसी भी प्रकार के अनुरोध /अपील पर कोई सुनवाई नही की जायेगी।
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