(चेस हिमालया ऑफिसियल)
“बीट द हीट” के तहत केस हिमालया ऑफिसियल द्वारा ब्लॉगिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें देश भर के लगभग 46 ब्लॉगर्स द्वारा अपनी यात्राओं सम्बन्धी फोटोग्राफ्स व ब्लॉग्स चेस हिमालया ऑफिसियल को भेजे गए। प्रतियोगिता 14 जून 2020 से 20 जून 2020 तक आयोजित हुई जिसका परिणाम विगत 25 जून 2020 को घोषित किया गया।
इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले तेजू मर्तोलिया ने अपनी कालिंदी खाल की यात्रा का बर्णन किया था जिसमें वह लगातार घण्टों बर्फ के साथ सफर करते रहे।
दूसरे स्थान पर मनोज जोशी रहे जिन्होंने अपनी कई हफ्तों की यात्रा के बाद एवरेस्ट सबमिट किया और इस दौरान विभिन्न यादों व मुसीबतों के साथ जूझते हुए आगे बढ़े।
तीसरे स्थान पर निधि असवाल बागड़ी रही हैं जिन्होंने बेहद मुसीबतों के बावजूद भी औली से गुरसों बुग्याल का सफर जारी रखा।
चेस हिमालया की 14 जून 2020 से 20 जून 2020 तक चली ब्लॉगिंग प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डली किसी परिचय की मोहताज नहीं है फिर भी आप सबसे परिचय की एक औपचारिकता पूरी की जाये।
अरविंद मुदगिल।
पौडी निवासी अरविंद मुदगिल जी भारतीय सेना से सेवानिवृत्ति के बाद पत्रकारिता में आये। वर्तमान में हिंदुस्तान टाइम्स अंग्रेजी संस्करण, पौडी में कार्यरत। अरविंद मुदगिल नें बीते दो दशकों के दौरान अपनी बेजोड फोटोग्राफी से पहाड़ के लोकजीवन, लोकसंस्कृति से लेकर आमजन की समस्याओं को परिलक्षित करती तस्वीरों को देश दुनिया तक पहुंचाया। साथ ही बेहतरीन डाॅक्यूमेंट्री से पलायन के दर्द को उकेरा। उन्होंने नीती माणा घाटी से लेकर आराकोट तक की सैकड़ों यात्रायें करके अनछुए पहलुओं को उजागर किया। वे बेजान लकडी पर विभिन्न कलाकृतियों को उकेरते हैं। उन्होंने लाॅकडाउन में कई कलाकृति बनाई है।
मनोज इष्टवाल !
विगत 33 वर्षो से पत्रकारिता में हैं। वर्तमान में हिमालयन डिस्कवर डाॅट काॅम के सीईओ है। इन्होंने तीन दशकों में सैकड़ों ट्रैक रूट की खाक छानी है। उत्तराखंड से लेकर नेपाल की सांस्कृतिक विरासत को लोगों के सामने रखा। पत्रकारिता के लिए उन्हें तीन दर्जन से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं। द्रोणागिरी ट्रैक, चांइसिल ट्रैक व जखोल से देवक़्यारा ट्रैक इन्ही के द्वारा विश्व मानचित्र पर आया और ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित हुये। ये पहाड़ की लोकसंस्कृति के ध्वजवाहक हैं।
संजय चौहान!
जनपद चमोली के पीपलकोटी के संजय चौहान जी विगत 17 वर्षों से जनसरोकारों की पत्रकारिता के मजबूत स्तम्भ हैं। पहाड की लोकसंस्कृति, सकारात्मक पत्रकारिता के बड़े हस्ताक्षर और पहाड़ की थाती के संवाहक हैं। पत्रकारिता के लिए इन्हें उत्तराखंड के दो सबसे बड़े पुरस्कार चारु चन्द्र चन्दोला स्मृति, एवं उमेश डोभाल पत्रकारिता पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
अमित साह!
नैनीताल शहर के निवासी अमित साह जी 3 भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। जुलाई 2013 में एक दिन मोबाइल फ़ोन से खिंची फ़ोटो इत्तेफाक से अखबार में छप गयी, तब से फोटोग्राफी शुरू हुई। फोटोग्राफी शुरू करने के 3 महीने बाद ही आपकी एक तस्वीर को हल्द्वानी में हुए कम्पटीशन में पहला स्थान मिला। आपके द्वारा खिंची हुई फ़ोटो को पिछले दिनों ही UN के द्वारा मनाए गए अंतराष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day) में मौके पर दुनिया भर में पोस्टर पर लगाया गया। फोटोग्राफी शुरू करने के 3 महीने बाद ही उत्तराखंड की वित्त मंत्री के हाथों से दिसंबर में हल्द्वानी में फोटोग्राफी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। इसके अलावा भी पिछले 6 सालों में कई छोटे बड़े पुरुस्कार मिले। आपकी तस्वीरे अभी तक 300 से अधिक बार हिंदी और अंग्रेजी अखबारों और मैगज़ीन में छप चुकी है। और कई सारी वेबसाइट्स में भी। बाइक से उत्तराखंड और नार्थ इंडिया घूम चुके अमित साह जी कोट्रैकिंग का भी शौक है। इसके अलावा हाल ही में अभिनय भी शुरू किया है और 2 शार्ट फिल्मो में अभिनय भी किया ।
प्रायोजक:-
Mech Journeys :- भारत की उत्कृष्ट टूर एंड ट्रेवल कम्पनी, राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर की सभी यात्राओं का प्रबंधन,।
Pahadi Traveller :- पहाड़ की संस्कृति, यात्राओं से रूबरू करवाता एक ब्लॉग।
Minakriti-The Aipan Project :- उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोककला ऐपण के संरक्षण और संवर्धन का काम करती है और स्वरोजगार को नए आयाम प्रदान करती है।