उत्तरकाशी 7 नवम्बर 2018 (हि. डिस्कवर)
यह जवानों के लिए सचमुच उत्साहजनक था क्योंकि दीवाली पर हिम शिखरों में तैनात जवानों को शुभकामनाएं देने देश के प्रधानमन्त्री जो पहुंचे थे! उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भागीरथी और जालंदरी नदियों के संगम स्थल पर बस्पा घाटी के सिरे पर 8000 फीट की उंचाई पर स्थित बसा हर्षिल इस क्षेत्र में तलहटी में बसा हिमालयी गांव है! जहाँ आईटीबीपी के जवान चीन सीमा से लगी देश की हिम शिखरों की निगहबानी करते हैं! देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पर जाकर जवानों से मिले और उनके साथ दिवाली की खुशियाँ बांटी!
हर्षिल पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी ने आईटीबीपी के जवानों को अपने साथ से मिठाई खिलाकर उनका उत्साह बढ़ाया! उन्होंने जवानों में जोश भरते हुए कहा कि वे उन तमाम माता-पिता और गुरुजनों को नमन करते हैं, जिन्होंने आप जैसे वीर पुत्रों को जन्म दिया! यह मेरा सौभाग्य है कि देश के वीर जवानों के साथ मैं दीवाली मना रहा हूँ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनका जवानों के साथ बहुत पुराना रिश्ता है! अपने चिरपरिचित अंदाज में यहां आइटीबीपी के साथ रिश्ता भी जोड़ते हुए इस सवाल का जवाब भी दिया कि वह प्रधानमंत्री बनने के बाद जवानों के बीच क्यों दीवाली मनाते हैं! प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी वह गुजरात की सरहद पर जाकर बीएसएफ वालों के साथ जाकर दीवाली मनाते रहे हैं और प्रधानमंत्री बनने के बाद वह हर बार जवानों के साथ दीवाली मनाकर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं क्योंकि वह जवानों से बहुत प्रभावित हैं!
प्रधानमंत्री ने आइटीबीपी के साथ अपना पुराना रिश्ता बताते हुए एक वाकिये का जिक्र करते हुए कहा कि जब कैलाश मानसरोवर यात्रा यात्रा शुरू हुई तो वह शुरुआत में गए थे! करीब 39-45 दिनों तक आइटीबीपी के जवानों के साथ बिताना यादगार अनुभव रहा! प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भले ही जवानों का काम कंधे पर बंदूक रखकर सुरक्षा करने का था लेकिन मैंने देखा कि जवान कभी यात्रियों का भारी सामान उठाते थे तो कभी बीमार लोगों को चढ़ाई में मदद करते थे! क्लाइमेट के कारण जिन लोगों को उल्टियां होती थी, उनके खाने-पीने का भी ध्यान रखते थे! इतना ही नहीं भोलेबाबा का मनोहारी गीत भी यात्रियों के साथ बैठकर जवान गाते थे! इसलिए कैलाश मानसरोवर की 39-45 दिनों की यात्रा में उन्हें लगने लगा कि जैसे मैं भी आइटीबीपी परिवार का सदस्य बन गया हूं!
मोदी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत अच्छी प्रगति कर रहा है। उन्होंने ‘वन रैंक वन पेंशन’ (ओआरओपी) समेत भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए उठाए गए अन्य कदमों के बारे में भी बताया। मोदी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षण मिशनों में दुनिया भर से प्रशंसा और सराहना हासिल की है!
इस दौरान प्रधानमन्त्री के साथ आर्मी चीफ बिपिन रावत और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे, इस मौके पर जवानों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दूर-दराज के इलाकों में बर्फीले पहाड़ों पर ड्यूटी करने की उनकी लगन राष्ट्र की ताकत को और मजबूत बनाती है और 125 करोड़ भारतीयों के सपने एवं भविष्य को सुरक्षित करती है।