चिंताजनक!— भूस्खलन की जद में कुलिंग गाँव, ग्रामीणों में दहशत। भविष्य को लेकर ग्रामीणों के माथे पर घिरी चिंता की लकीरें।
(संजय चौहान की कलम से)
15-16 जून को आई मूसलाधार बारिश नें सीमांत जनपद चमोली में व्यापक तबाही मचाई। चमोली के देवाल ब्लाक के बगरीगाड, हरनी सहित कुलिंग गाँव को बहुत नुकसान हुआ। कुलिंग गाँव तो भूस्खलन की वजह से मौत के मुंहाने पर खड़ा हो चुका है। भूस्खलन से गाँव मे लोगों की मकानों पर दरारें आ गई है जिस वजह से ग्रामीणों में भारी दहशत है। ग्रामीण अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं कि बारिश के इस मौसम में जाये तो जायेंगे कहां। कुलिंग गाँव में भूस्खलन गाँव तक पहुँच चुका है जिस कारण गाँव के कुछ मकानों में दरारें पड गयी है।
कुलिंग के ग्राम प्रधान भुवन सिंह दानू, महिपत सिंह, देव सिंह, मदन सिंह, लक्ष्मण सिंह, गोविंद सिंह, थान सिंह, महिपाल सिंह, भजन सिंह, शेर सिंह नें बताया कि कल देर रात में ग्रामीणों को अपने मकानों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा और रातभर रतजग्गा करना पड़ा क्योंकि भूस्खलन की वजह से कई लोगों की मकानों पर दरारें पड गयी हैं ऐसे मे इन मकानों पर रहना खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने इसकी सूचना शासन प्रशासन को दे दी है। गाँव का तत्काल विस्थापन किया जाय।
गौरतलब है कि लगभग 50 परिवारों के इस गांव की जनसंख्या 250 के आसपास है। बरसात के इस मौसम मे अब वे जाये भी तो कहां जायेंगे।
वहीं दूसरी ओर लाटू की थाती वाण गाँव अभी भी अलग थलग पड़ा हुआ है। वाण सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से वाण से कुलिंग तक ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर पैदल बमुश्किल से जाना पड रहा है। वाण के ग्रामीण खुद ही वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लकड़ी के पुल बनाने मे जुटे हैं। गाँव में खाद्य सामग्री और कैरोसिन, गैस की आपूर्ति ठप्प पड़ी हुई है। आने वाले दिनों मे संकट गहरा सकता है। वाण के ग्राम प्रधान खीमीराम और क्षेत्र पंचायत सदस्य हीरा सिंह पहाड़ी नें सरकार और शासन प्रशासन से लोहजंग वाण सड़क पर बहे दो पुलो और वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लोहजंग -अखोडी- वाण पैदल मार्ग को आवाजाही हेतु दुरुस्त करने की मांग की है।
- साभार! —– हीरा सिंह बिष्ट। देवाल।