Friday, March 14, 2025
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गढ़वाल कमिश्नर पहुंचे सीता माता के समाधि स्थल फलस्वाड़ी व लक्ष्मण मन्दिर कांडा। सीता सर्किट विकसित करने की कवायद शुरू।


पौड़ी 17 अगस्त 2019 (हि. डिस्कवर)
प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, सूचना सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल दिलीप जावलकर ने आज जनपद पौड़ी के सीता माता सर्किट में पड़ने वाली धार्मिक स्थलों का निरीक्षण कर, उक्त स्थलों को विकसित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। पिछले महिने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने जनपद की धार्मिक धरोहर को वैश्विक मानचित्र पर लाने की कवायद शुरू की, जिसके तहत उन्होने पौड़ी में ‘‘सीता माता सर्किट’’ विकसित करने की घोषणा की। जिसमें पौराणिक महत्व के देवप्रयाग स्थित रघुनाथ मंदिर, सीताकोटी, विद्याकोटी, देवल स्थित लक्ष्मण मंदिर व फलस्वाड़ी स्थित माता सीता मंदिर आदि धार्मिक स्थलों को धार्मिक पर्यटन में सीता माता सर्किट के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

सचिव जावलकर ने अपने निरीक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम के तहत सीता माता सर्किट के अन्तर्गत पड़ने वाले पौराणविक धार्मिक स्थलों का भ्रमण करते हुए संबंधित अधिकारी एवं ग्रामीणों के साथ देवल में लक्ष्मण मन्दिर पहुंचे, जहां उन्होने मंदिर परिसर का निरीक्षण कर, मंदिर में पूर्जा अर्चना किया। उन्होने ग्रामीणों से मंदिर के बारे में पौराणविक मान्यताओं की जानकारी ली। मंदिर परिसर के निरीक्षण के दौरान उन्होने पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग को मंदिर परिसर को विकसित करने के निर्देश दिये।

लक्ष्मण मंदिर के निरीक्षण के बाद मंदिर से नीचे तटीय क्षेत्र में पौराणविक जलकुण्ड (नाह) का निरीक्षण किया। इसके पश्चात निरीक्षण करते हुए फलस्वाड़ी गांव सीता माता मंदिर परिसर पहुचे, जहां उन्होने ग्रामीणों के साथ सीता माता सर्किट को विकसित करने एवं आने वाले धार्मिक पर्यटकों के लिए सुविधा को लेकर विस्तृत चर्चा की।

उन्होने कहा कि नियोजित ढंग से मंदिर परिसर को पूरी तरीके से विकसित किया जायेगा। कहा कि संबंधित विभाग अपना -अपना कार्य करेंगे। उन्होने कहा कि सर्किट परिसर को इस तरह से विकसित किया जायेगा कि आने वाले पर्यटक यहां तीन-चार घण्टे अपना समय व्यतीत कर सकेंगे। उन्होने ग्रामीणों से कहा कि आने वाले पर्यटकों को ठहरने हेतु अपने घरों को भी होम स्टे के तर्ज पर विकसित कर सकते है। जिस पर उन्होने उत्तरकाशी में दयारा बुग्याल के उद्वाहरण देते हुए कहा कि गत 2 – 3 वर्ष पहले दयारा में बटर फेस्टेवल का शुभारंभ किया था। आज के दिन 700 पर्यटक से अधिक बाहरी अन्य राज्य से बुग्याल में पहुंचे है। अकेले रैथल गांव में 21 होम स्टे संचालित है जबकि बार्सू गांव में 15 होमस्टे प्रस्तावित है। उन्होने ग्रामीणों को मा0 मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप सीता माता सर्किट को विकसित करने में अपना योगदान देने को कहा। जिससे उक्त स्थल के बारे में अधिक से अधिक जानकारी लोगों को मिल सके तथा विश्वभर से लोग यहां आकर विचरण करते हुए धार्मिक स्थल के दर्शन करते हुए, जानकारी प्राप्त कर सकें।

उन्होने पौराणविक वास्तुशिल्प आर्किटेक रक्षित पाण्डे से उक्त स्थलों को पौराणविक मान्यता के अनुरूप शैली पूर्वक चित्रकारी के अनुसार विकसित करने हेतु विस्तृत चर्चा की। इसके उपरान्त उन्होने कोट महादेव एवं बाल्मिकी मंदिर का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होने ग्रामीणों के पौराणविक शैली से बनी आवासों को निरीक्षण किया। इससे पूर्व उन्होने फलस्वाडी में जिलाधिकारी धीराज सिह गब्र के पहल से पहाडी एवं आधुनिक शैली से बनी सामुदायिक शौचालय का निरीक्षण कर, उपस्थित ग्राम पंचायत अधिकारी को रख रखा के निर्देश दिया। जबकि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र गैठीछेडा में स्थित जल-प्रपात का मुआयना कर उक्त स्थल को विकसित करने को कहा।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना, उपजिलाधिकारी मनीष कुमार, निर्वतमान प्रमुख सुनील लिंगवाल, भाजपा पदाधिकारी संजय बलूनी, निवर्तमान प्रधान ग्राम सभा देवल नितिन उप्रेती, जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भण्डारी, क्षेत्रिय पुरातत्व अधिकारी आशीष कुमार, प्रेम चन्द ध्यानी, ना0त0 रामपाल सिह रावत, लक्ष्मण मंदिर पुजारी विरेन्द्र पाण्डे, सीता माता मंदिर पुजारी विद्यादत्त भट्ट, ग्रामीण राजेन्द्र सिह, देवेन्द्र सिह, ग्रामीण महिला, पुरूष तथा संबंधित अधिकारी शामिल थे।

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