Thursday, August 21, 2025
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ग्रीन जोन वाले जिलों में परिवहन आवाजाही कहीं आत्मघाती साबित न हो।

■■lock down 2.0 के बाद समझदारी से फैसला ले सरकार■■
●जिलों के अंदर भी आवाजाही हो सकती है बेहद जोखिमभरी●
◆पौड़ी के कोटद्वार, टिहरी के ढालवाला, नैनीताल के रामनगर, हल्द्वानी और चंपावत के टनकपुर से पहाड़ चढ़ सकता है कोरोना।

(अजय रावत “अजय”)

कयास लगाए जा रहे हैं कि 3 मई के बाद उत्तराखंड की सरकार ग्रीन जोन वाले जिलों में आंतरिक परिवहन व आवाजाही के साथ व्यापारिक प्रतिष्ठानों को पूरी तरह खोलने का निर्णय ले सकती है। लेकिन यह निर्णय आत्मघाती भी हो सकता है।

ग्रीन जोन में शामिल होने जा रहे पौडी, टिहरी, नैनीताल व चंपावत जिलों के मैदानी शहरों में महानगरों के रेड जोन या उससे लगे इलाकों से बड़ी संख्या में लोग पहाड़ लौटने की फेर में इन दिनों रुके हुए हैं।

एक समाचार पत्र के मुताबिक अकेले कोटद्वार में 200 से अधिक लोग पास बनवाकर NCR से यहां पंहुच चुके हैं। कमोबेश यही हाल अन्य जगह भी होगा।

यह बात किसी से छिपी हुई नही है कि ये पास कितनी जांच या गम्भीरता से बने होंगे, अधिकांश तो प्रभावशाली पहचान के आधार पर बने होंगे। ऐसे में जनपदों के अंदर आंतरिक परिवहन को छूट दी गयी या व्यापारिक गतिविधियों को सम्पूर्ण छूट प्रदान कर दी गयी तो अभी तक हरे रंग के ये जिले कहीं नारंगी या लाल रंग में तब्दील न हो जाएं।

ऐसे में 3 मई के बाद भी कम से कम 2 सप्ताह तक मौजूदा गाइड लाइन को जारी रखा जाए। अन्यथा डेढ़ महीने के सब्र, धैर्य और इन्तेहाँ का नतीजा सिफर होने में तनिक भी देर न लगेगी।

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