टिहरी/देहरादून 20 नवम्बर 2018 (हि. डिस्कवर)
सुन्दरम शर्मा पुलिस विभाग का एक ऐसा अफसर जिससे पूरे टिहरी शहर की जनता त्रस्त है! जो एक मोमो विक्रेता को सरेआम 40 रूपये मांगने में पीटता ही नहीं है बल्कि बंद भी कर देता है जिसे बाद में स्थानीय व्यापारी छुडाकर लाते हैं! जिसके पुलिसिये आतंक से शहर दहशत में बताया जाता है!जिसने 40 से ज्यादा लोगों पर झूठे केश दर्ज किये हैं ! वह एक नामी आर्चीटेक्टर की बेहरहमी से इसलिए पिटाई कर देता है क्योंकि वह अफसर को नमस्कार करता है! कृष्णा कुडियाल नामक इस इंजीनियर को भला कौन नहीं जानता होगा जिसने केदारनाथ पुनर्निर्माण में अपने डिजाईन किये हुए प्रारूपों से देश के प्रधानमंत्री तक को प्रभावित किया है!कृष्णा कुडियाल का सिर्फ एक ही दोष है कि वह अपनी बहन श्रीमती सुषमा उनियाल की कम्पेनिंग के लिए टिहरी आ गए जहाँ स्थानीय विधायक धन सिंह नेगी द्वारा 35 बर्ष पुरानी भाजपाई व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुषमा उनियाल के स्थान पर किसी और को टिहरी की नगर पालिका अध्यक्ष का टिकट दिलवाया और नतीजा यह हुआ कि श्रीमती सुषमा उनियाल के पक्ष में सैकड़ों भाजपाई भाजपा छोड़कर उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार बना कर ले आये!
यह राजनीति सिर्फ यहीं समाप्त हो जाती तो कोई बात नहीं थी इसका जहरीला स्वरूप तब सामने आया जब सुषमा के बढ़ते जनाधार से दलगत राजनीति में बेचैनियाँ शुरू हुई और नतीजा यह हुआ कि एक सुप्रसिद्ध नामी कद्दावर आर्चीटेक्टर कृष्णा कुडियाल को इस गन्दी राजनीति का शिकार होना पड़ा! पूरे शहर ने देखा कि किस तरह एक पुलिस अधिकारी ने वर्दी की हनक में सरेआम गालियाँ देते हुए कृष्णा कुडियाल को अपनी गाडी में डाला और थाने ले जाकर लाठी-डंडों से उनकी बेतहाशा पिटाई की! घटनाक्रम का सारा वीडियो स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड किया जिसके सोशल साईट पर आते ही पूरे टिहरी में इस पुलिस अधिकारी सुंदरम शर्मा के विरुद्ध वकील व्यवसायी व आम लोग लामबंद हो गए!
उपरोक्त समस्त जानकारी स्वयं भुक्तभोगी कृष्णा कुडियाल, स्थानीय लोगों, उनके रिश्तेदारों व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शशि कुडियाल ने देते हुए कहा कि यह सचमुच राजनीति में एक काला अध्याय है! जिस तरह से घटनाक्रम घटा है वह बेहद अप्रत्याक्षित था और एक एसओ ने क़ानून की सारी हदें पार करते हुए जिस प्रकार क़ानून का दुरप्रयोग किया वह सारे शहर को शर्मसार कर देने वाला है! कृष्णा कुडियाल घटना का जिक्र करते हुए बताते हैं कि घटनाक्रम से कुछ देर पहले ही स्थानीय विधायक धन सिंह नेगी की गाड़ी वहां से गुजरी तत्पश्चात पुलिस अधिकारी सुन्दरम शर्मा वहां दिखाई दिए! क्योंकि मैं उनसे पहले से परिचित था इसलिए मैंने शिष्टता का परिचय देते हुए उन्हें प्रणाम करते हुए कहा कि सर आप सुन्दरम शर्मा जी हैं न! मेरा इतना क्या बोलना था कि उनका पारा सातवें आसमान चढ़ गया और वो मुझसे बेहद बदतमीजी से बात करते हुए बोले- तू यहाँ क्या कर रहा है! मैंने जवाब दिया – सर, आज चुनाव है कुछ लोगों को यहाँ तक छोड़ने आया हूँ और स्वयं वोट देने उत्तरकाशी जा रहा हूँ! मेरा इतना कहना क्या हुआ कि अगले ने मुझसे कहा मेरी गाडी में बैठो तुम्हे थाने जाकर देखता हूँ! मैं कुछ समझ पाता इस से पहले ही मुझे धकियाकर गाडी में लाद दिया गया! स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो उन पर लाठियां भांजी गयी! मैंने जब पूछा कि मेरा अपराध क्या है तो गाडी में बैठते ही इस अधिकारी ने मादरचोद जैसी भद्दी गाली का प्रयोग किया और मेरे पर थप्पड़ रसीद करने शुरू कर दिए फिर गाडी से बाहर उतरे व जनता को भी धमकाते हुए गाली दी- मारो इन मादरचोदों को..! पब्लिक प्लेस में इस तरह की इनकी गालियाँ वीडिओ में रिकॉर्ड हैं!
वहीँ दूसरी और नगर पालिका अध्यक्ष की निर्दलीय प्रत्याक्षी के रूप में चुनाव लड़ रही श्रीमती सुषमा उनियाल ने बताया कि इस पुलिस अधिकारी ने थाने पहुंचकर मेरे साथ गन्दी-गंदी गालियाँ देकर लॉकअप में बंद करने की धमकी ही नहीं दी बल्कि मेरे साथ धक्कामुक्की की व मेरे चुनाव का मैनेजमेंट देख मेरे भाई कृष्णा कुडियाल को रंजिशन थाणे में बंद कर दिया व एक गाड़ी को भी सीज कर दिया! मेरे बेटें डॉ. प्रियांक उनियाल जोकि सर्जन हैं उन्हें व दुसरे बेटे मयंक जो ऑस्ट्रेलिया रहते हैं जब थाणे पहुचें तो उन्हें एक हाथ में पिस्टल व दूसरे हाथ में डंडा लेकर गालियाँ देते हुए न सिर्फ बंद करने की धमकी दी बल्कि इनकाउंटर करने की बात भी कही!
कृष्णा कुडियाल बताते हैं कि इस शातिर अधिकारी ने थाने में दूसरी वर्दी मंगवाई वहीँ उसके बटन वगैरह तोड़े गए, नेम प्लेट तोड़ी गयी और मुझ पर फर्जी धाराओं के तहत 8 विभिन्न केश दर्ज करवा दिए ताकि मेरी जमानत भी न हो सके! और तो और मेरा हेवी पावर नजर का चश्मा भी मुझसे छीन लिया! रात भर लाठी डंडों से पिटाई कर झूठे केश बनाकर मुझे जेल में बंद करवा दिया गया जैसे मेरे जाने कितने अपराधिक रिकॉर्ड आजतक दर्ज हों! उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि जेल में उनसे सामान्य व्यवहार रखा गया!
उन्होंने बताया किअधिकारी पर पूर्व चुनाव के दौरान तत्कालीन पर्यटन मंत्री दिनेश धनै की पुत्र पर थप्पड़ मारने, औरतों को मारने, पत्रकारों के साथ पिटाई व मारपीट करने सहित लगभग 40 से अधिक प्रकरण हैं जिनके चलते यह कई बार इस जिले से बाहर भी गया लेकिन फिर राजनीतिक पहुँच के चलते वापस यहाँ बुला दिया जाता है!
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष उमेश चरण गुसाईं भी जब थाने में पहुंचे तो एसओ सुन्दरम शर्मा ने उन्हें भी गालियाँ देनी शुरू कर दी! वह महिलाओं के आगे भी वर्दी के बटन खुले छोड़कर हाथ में डंडा व रिवाल्वर लेकर उन्हें भी बंद करने की धमकी देने लगा! जब वह अपनी हदें पार करने लगा तब उमेश चरण गुसाई व सभी अन्य स्थानीय नागरिकों ने कहा हमें भी हवालात में डाल दो! तब वह थोड़ा ढीला पड़ा! वहीँ दूसरी ओर कृष्णा कुडियाल की पत्नी श्रीमती शशि कुडियाल ने आरोप लगाए कि जब वह अपने पति की गिरफ्तारी की बात सुनकर देहरादून से बदहवाश सी थाने पहुंची व उन्होंने अपने पति के बारे में पूछा कि उन्हें किस गुनाह में बंद किया गया है! तब उनके साथ भी बदसलूकी की गयी! यहाँ तक कि एफआईआर की कॉपी तक उन्हें जमानत करवाने के लिए उपलब्ध नहीं करवाई गयी! मेरे पति हर्ट पेसेंट हैं विगत 17 नवम्बर 2018 को उनके हार्ट की बायपास सर्जरी हुई है ! ठीक एक साल बाद यानि 18 नवम्बर 2018 को उन्हें बिना कसूर जेल में झूठे केश दर्ज करवाकर बंद कर दिया जाता है! और तो और उन्हें न थाणे में ही दवा लेने दी जाती है और न जेल में ! उन्हें किसी साजिश के तहत जान से मार डालने की योजना हो सकती है! यह गन्दी राजनीति और क़ानून के दुरप्रयोग का मामला है! सरकारी तंत्र इस तरह सरेआम पहाड़ों में ऐसे जुल्म ढाएगा इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती थी! एक ऐसे निर्दोष व्यक्ति को जेल की सलाखों के पीछे डालकर उसका मानसिक व शारीरिक ह्रासमेंट करना कहाँ का क़ानून है! मेरे पति अभी भी उसी सदमें में हैं ! जेल से बाहर निकलने के बाद उनका बीपी बहुत बढ़ गया है और वह अभी अस्वस्थ हैं!
बहरहाल सत्य की विजयी हुई! कृष्णा कुडियाल पर मर्डर, आचार संहिता का उलंघन, धमकी देने से सहित 8 धाराओं के अधीन ऐसे केश दर्ज किये गए थे ताकि उनकी जमानत न हो सके लेकिन विगत 19 नवम्बर को कोर्ट में 27 वकील एक साथ लामबंद होकर कृष्णा के पक्ष में खड़े हो गए व कल ही फैसला सुनाने की बात कही और अगर ऐसा नहीं होता तो कल से वकील हड़ताल करेंगे! आखिर जनभावनाओं की कद्र करते हुए न्यायधीश ने कृष्णा कुडियाल के बेल की अर्जी मंजूर कर दी! टिहरी का यह घटनाक्रम पूरे प्रदेश की राजनीति व क़ानून व्यवस्था में एक प्रश्न चिह्न लगा गया है क्योंकि इस से अंदेशा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय की दूषित राजनीति व क़ानून व्यवस्था का राज पहाड़ों की आवोहवा खराब कर सकता है ऐसा अंदेशा लगाया जा सकता है।
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