कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल) 21 मई 2020 (हि. डिस्कवर)
यह घटना सचमुच आश्चर्यजनक है। आश्चर्यजनक इसलिए क्योंकि कोटद्वार शहर के मुख्य भाग में स्थित गोखले मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर कोरोना संक्रमण के इस महामारी दौर में निष्कंटक रूप से निर्माण कार्य चलता रहता है व प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं होती। जब अडोस-पड़ोस की जनता व अवैध निर्माण कर रहे शम्सुद्दीन का भाई बदरुद्दीन कहने लगता है कि यह निर्माण कार्य मदरसे को लेकर चल रहा है तब स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त होता है।
विश्व हिंदू परिषद के पूर्व जिलामंत्री धर्म प्रसार व सामाजिक कार्यकर्ता संजय थपलियाल बताते हैं कि इस बात की जानकारी मिलते ही वे एलआईयू टीम, मीडिया जनों व पुलिस प्रशासन के साथ मौके पर पहुंचते हैं तब पता चलता है कि यहां कुछ तो गड़बड़ है। अब यह मदरसा बन रहा है या नहीं लेकिन जो जानकारी शम्सुद्दीन के भाई बदरुदीन ने दी उन्होंने तो यही बताया कि यहां मदरसे का निर्माण किया जा रहा है।
संजय बताते हैं कि प्रथम दृष्टा जब अंदर जाकर देखने को मिलता है तो वह चौंकाने वाला है क्योंकि इसके अंदर खुफिया रास्तों का निर्माण हो रहा है। यह आश्चर्यजनक है कि शम्सुद्दीन के आगे पीछे कोई नहीं हैं फिर भी इस तरह हालनुमा कंस्ट्रक्शन करवाना वह भी बिना नगर निगम की परमिशन के वह किस की शह पर हो रहा है, कह पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि इससे कोटद्वार शहर का माहौल खराब हो रहा है व ऐसे संक्रमण के दौर में ऐसा अवैध निर्माण चिंता का बिषय है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचार प्रमुख व अधिवक्ता अमित सजवाण का मानना है कि भले ही यह जानकारी मदरसे के निर्माण के रूप में प्रचारित हो रही हो लेकिन इस प्रोपर्टी पर भाइयो का आपसी सम्पति विवाद भी चल रहा है, यह बात जानकारी में आई है। उन्होंने कहा कि इस तरह राष्ट्रीय राजमार्ग क्षेत्र में लॉक डाउन के दौरान निर्माण होता रहा व किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं हुई यह सोचनीय है। उन्होंने कहा कि अब कोटद्वार शहर नगर पालिका क्षेत्र में है और यहां बिना रोड साइट कंट्रोल एक्ट, एनएच क्लेरेन्स, पर्यवारण मंत्रालय व जिला विकास प्राधिकरण की मंजूरी लिए बिना निर्माण कार्य करवा देना अपने आप में प्रश्न चिह्न खड़े करता है। इससे भी बड़ी बात यह है कि लॉकडाउन काल में जब सब निर्माण कार्य बंद रहे फिर मजदूरों को यहां काम की अनुमति कैसे मिली। इसलिये यह निर्माण कार्य कई प्रश्न खड़े करता है।
बहरहाल प्रशासन ने इनका संज्ञान लिया है कि नहीं लेकिन खबर लिखे जाने तक यह जानकारी प्राप्त हुई है कि पर्यावरण मंत्रालय की टीम मौके पर पहुंची हुई है।
यह आश्चर्यजनक है कि शम्सुद्दीन के पड़ोस में कांग्रेस के नगर अध्यक्ष संजय मित्तल का घर है जिनकी पत्नी श्रीमती कनिका मित्तल पार्षद हैं, उन्हें भी इस निर्माण कार्य की जानकारी नहीं है।