नैनीताल 28 अप्रैल 2019 (हि.डिस्कवर)
विकास खण्ड ओखककांडा के अंतर्गत पड़ने वाले कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रायोजित व स्पिक मैके द्वारा संचालित कार्यक्रम के तहत केरल की सुप्रसिद्ध कुच्चीपुड़ी नृत्यांगना स्नेहा शशि शेखर ने छात्राओं के साथ नृत्य कला के अपने अनुभव बांटते हुए न सिर्फ कुच्चीपुड़ी नृत्य प्रदर्शित किया बल्कि नृत्य की बारीकियों से भी यहां की लगभग 100 छात्राओं को परिचित करवाया।
नृत्यांगना स्नेहा शशि शेखर ने छात्राओं के साथ बातचीत में बताया कि आम जिंदगी में नौ रस हमें प्रकृति से प्रदत्त हैं और इन्हीं नौ रसों की भावभंगिमा किसी भी नृत्य की प्रमुख कसौटी है। कुच्चीपुड़ी नृत्य भी उन्हीं नौ रसों का रस्वादन करवाता है। उन्होंने न सिर्फ बच्चों से अपने अनुभव बांटे बल्कि उन्हें नृत्य सम्बन्धी बेसिक्स भी सिखाये।
कुच्चीपुड़ी नृत्य के बारे में उन्होंने बताया कि यह नृत्य तमिलनाडु के कुच्चीपुड़ी नामक स्थान से जन्मा और अपनी अनूठी नृत्य शैली के चलते सुप्रसिद्ध हुआ है। उन्होंने मलायम भाषा शैली के गीत जिसमें राधा कृष्णा, जसोदा, ग्वाले गोपियाँ, माखन, शेर इत्यादि का बेजोड़ मिश्रण था वह अपने नृत्य व अभिनय से समझाया तो बच्चों को मलायम भाषा का ज्ञान न होने के बाबजूद भी वह सब समझ गए कि इस नृत्य अभिनय में किसका जिक्र हो रहा है। यही नृत्य की बिशेषता भी कही जा सकती है।
इस दौरान उनके साथ आई श्रीमती पदमझा ने केजीबीवी की छात्राओं की सीखने की ललक व अच्छे अनुशासन के लिए होस्टल वार्डन सुश्री सुशीला जोशी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतने बड़े स्कूल कम्पाउंड को यहां के कर्मियों व बच्चों ने जिस तरह मेंटेन करके रखा है वह काबिलेतारीफ है और इसका पूरा क्रेडिट यहां की वार्डन को दिया जाना चाहिए।