Monday, July 7, 2025
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और असमय ही चला गया सबको हंसाने गुदगुदाने वाला वह कलाकार।

(मनोज इष्टवाल)

उत्तराखण्ड की लोकसंस्कृति के संस्कृतिकर्मियों के बीच यह कैसी प्रतिस्पर्द्धा छिड़ी हुई है कि तू चल मैं आया। हाल ही में पौड़ी गढ़वाल की अभिनेत्री रीना रावत हर्ट अटैक से मौत, खास पट्टी टिहरी की हेमा गुसाईं नेगी जिसकी शादी कुमाऊं में हुई थी, 2018 में कुमाऊं के सुप्रसिद्ध गायक पप्पू कार्की की सड़क हादसे में मौत, अभी हाल के ही महीनों में जौनसार बावर क्षेत्र की उभरती मॉडल स्वाति चौहान की वैराट खाई के पास सड़क हादसे में मौत और अब गायक, अभिनेता पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड रिखणीखाल के पण्या गांव निवासी जयपाल सिंह नेगी की किडनी खराब हो जाने से मौत…!

जयपाल सिंह नेगी अपने पीछे एक 12-13 साल की बेटी एक 8-9साल का बेटा व पत्नी श्रीमती कोमल नेगी को छोड़कर उस लोक चले गए। उत्तराखंड की लोक संस्कृति के इन युवा चितेरों को उस लोक में क्या मिलेगा क्या नहीं यह तो दैवयोग ही जाने लेकिन ये जितने भी गए असमय गए और सिर्फ परिवार को ही नहीं बल्कि कला जगत को बहुत पीड़ा दे गए हैं ।

जयपाल सिंह नेगी अपनी कलाकारा पत्नी श्रीमती कोमल व बच्चों के साथ दिल्ली में रंगमंच, सांस्कृतिक मंच और ऑडियो वीडियो के माध्यम से जैसे तैसे गुजारा कर ही रहे थे लेकिन असमय अपने छोटे बच्चों व धर्मपत्नी को मजधार में छोड़कर यूँ अचानक अनन्त सफर पर निकल गए मानो सारी जिम्मेदारियां पूरी हो गयी हो। श्रीमती कोमल नेगी छब्बीस महामारी के दौर में भला कैसे परिवार संभालेगी यह सोचने की बात है। हम कलाकारों के पास ऐसा एक सामूहिक मंच भी तो नहीं कि हम सब ऐसी विकट स्थिति में उनके परिवार के गुजर बसर के लिए कुछ फंड जुटा सकें व ना ही हमारे पास ऐसा हुनर ही है कि एकजुटता के साथ उत्तराखण्ड या दिल्ली सरकार से उनके परिवार को सबल बनाने के लिए कोई आर्थिक सहायता मांग सकें।

दिल्ली के रंगमंचकर्मी अनिल रावत बताते हैं कि जयपाल उनके पास नृत्य सीखने आया करता था। वह एक होनहार कलाकार था। सन् 1988-89 मे उत्तराखण्ड लोक नृत्य सीखना आरम्भ किया और लगातार वो इसमें कार्यरत रहे। आगे चलकर उन्होने अनेकों उत्तराखंडी विडियो फिल्मों वा फिल्मों एवं सांस्कृतिक मंचों पर अपनी कला की छटा बिखेरी। वह सुंदर नृतक के साथ -साथ एक अच्छे अभिनेता एवं गायक भी थे। जयपाल नेगी ने अपनी कला के माध्यम से उत्तराखण्ड कला जगत मे अपना स्थान बनाने के साथ साथ बहुत बड़ी संख्या मे लोगों के दिलों मे जगह बनाई।

अनिल रावत बताते हैं कि शुरुआती दौर में जब वो मुझसे नृत्य सीखा करते थे, तब भी वो सारे ग्रुप में अपने समर्पण भाव ,हास्य विनोद वा कठिन परिश्रम के कारण सबके लोकप्रिय थे। एक बहुत ही सुंदर कलाकार वा बेहतरीन इंसान का यूँ असमय चले जाना अत्यंत दुखद है मुझे विशवास नही हो रहा।

उत्तराखंड के रंगकर्मी, संस्कृतिकर्मी व फ़िल्म जगत से जुड़े सभी लोगों ने जयपाल सिंह नेगी को अपनी सोशल साइट पर श्रद्धांजलि व्यक्त की। अनिल रावत ने बताया कि अभिनेता पन्नू गुसाईं उनके ख़ास मित्रों में शामिल थे । पन्नू उनकी मौत पर फूट-फूटकर रो रहे हैं।
पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, अभिनेत्री संयोगिता ध्यानी, अभिनेत्री/रंगकर्मी लक्ष्मी रावत, सामाजिक कार्यकर्ता दिग्मोहन नेगी, सुप्रसिद्ध गायिका हेमा नेगी करासी, बीना बोरा, रंगकर्मी लिली भट्ट, प्रेम पंचोली, अब्बू रावत, किरण इष्टवाल लखेड़ा, वरिष्ठ पत्रकार सुनील नेगी, व्योमेश जुगरान, उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष व निर्माता निर्देशक मनोज इष्टवाल, कोषाध्यक्ष राकेश बिजल्वाण सहित दर्जनों रंगकर्मियों व संस्कृतिकर्मियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।

हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवार को इस गहन दुख को सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को उस लोक में शांति प्रदान करे।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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