*एयर मार्शल श अरविंद सिंह बुटोला, दुनिया का सर्वोत्तम हेलीकॉप्टर पायलट !
*21 विभिन्न विमानों में 6700 घण्टे का उड़ान का अनुभव, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज !
(वरिष्ठ पत्रकार शीशपाल गुसाईं की कलम से)
एयर मार्शल बुटोला की जड़ें पुराना दरबार में हैं। पुराणा दरबार का बुटोला हाऊस देखने लायक था। क्या तिबार थीं
आंगन में रौनक हुआ करती थीं। इस हाऊस को अरविंद के दादा ने बनाया था। दादा रियासत की सरकार में रशूखदार पद पर थे।
पुराणा दरबार चार राजाओं की राजधानी रही। बुटोला हाऊस का बाड़ा था। उसमें लोग घुस नहीं सकते थे। इसकी तिबार शहर की खूबसूरती में चांद लगा देती थीं। जखण्ड गांव कीर्तिनगर ब्लॉक से दादा का टेलेंट रियासत में ले आया था। उन्होंने श्री राजेन्द्र सिंह बुटोला को जन्म दिया। वह सरकारी वकील थे। पीपी साहब के जमाने में भी बुटोला हाऊस की शान थीं। इसी हाऊस में पैदा हुए अरविंद सिंह बुटोला, जो भारतीय वायु सेना में एयर मार्शल हैं।
अरविंद सिंह बुटोला के पास भी टिहरी से जुड़ी यादें हैं। 1981 वह वह एनडीए से चयनित हो गए थे। वह एयर फोर्स में हेलीकॉप्टर पायलट बने। आज वह वायु सेना अकादमी हैदराबाद में कामन्डेंड हैं।
अरविंद जी नेशनल डिफेंस कालेज नई दिल्ली से ग्रेजुएट्स हैं। वह एक योग्य, अनुभवी उड़ान प्रशिक्षक हैं। एयर फोर्स के इतिहास में उन्होंने 21 विभिन्न प्रकार के विमानों में 6700 घण्टे से अधिक उड़ान का अनुभव है। संभवतः बुटोला का यह रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज है। सियाचिन में बेहद प्रबल तकनीक में हेलीकॉप्टर उतारने का अनुभव है। साथ ही उन्होंने जम्मू कश्मीर में एक हेलीकॉप्टर इकाई की कमान भी संभाली। नामीबियन रक्षा बल के वरिष्ठ उड़ान प्रशिक्षक और एडवाइजर भी रहे। वह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में मुख्य परीक्षण पायलट भी रहे।
पश्चिमी वायु कमान के तहत एक एयर बेस के स्टेशन कमांडर, एक ऑपरेशनल कमांड के वरिष्ठ अधिकारी-प्रभारी, साथ ही एयर स्टाफ ऑपरेशन (परिवहन और हेलीकॉप्टर) के सहायक प्रमुख थे।