ऋषिकेश (हि. डिस्कवर) एम्स ऋषिकेश में दिल्ली एम्स के सहयोग से जनरल थोरेसिक सर्जरी प्रोग्राम शुरू हो गया है। इसके तहत सोमवार को दो दिवसीय कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही उत्तराखंड व समीपवर्ती क्षेत्रों के लोगों को अब छाती, फेफड़े आदि रोगों से जुड़ी सर्जरी की सुविधा संस्थान में मिलने लगेगी, इसके लिए उन्हें राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि उत्तराखंड में मरीजों के लिए जनरल थोरेसिक सर्जरी की सुविधा नितांत आवश्यकता थी, जिसके लिए संस्थान के स्तर पर पहल की गई है। अब तक यह सुविधा राज्य में उपलब्ध नहीं होने से संबंधित मरीजों को मजबूरन दिल्ली, चंडीगढ़ के अस्पतालों में उपचार कराना पड़ता था। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि प्रयास किया जा रहा है कि संस्थान में सभी तरह के रोगियों को वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। उन्होंने बताया कि संस्थान में जनरल थोरेसिक सर्जरी प्रोग्राम शुरू कराने में ट्रामा विभाग के प्रमुख प्रो. कमर आजम,डा. मधुर उनियाल, डा. अजय कुमार व डा. अमूल्य रतन की अहम भूमिका रही है। सोमवार को शुरू हुई दो दिवसीय जनरल थोरेसिक सर्जरी कार्यशाला में विशेषज्ञों ने चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को थोरेसिक सर्जरी की बेसिक व एडवांस सर्जरी की तकनीकि जानकारियां दी गई। दो साल तक चलने वाले इस सर्जरी प्रोग्राम को एम्स ऋषिकेश में विकसित करने के लिए दिल्ली एम्स संस्थान को सहयोग करेगा, इसके बाद संस्थान इसे स्वयं संचालित करेगा। मुख्य अतिथि डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि इस तरह की सर्जरी की उच्च क्षमता वाले सेंटर देश में निहायत कम हैं। लिहाजा अब एम्स की पहल पर उत्तराखंड में पहली बार जनरल एंड थोरेसिक सर्जरी प्रोग्राम शुरू किया गया है,जिसके तहत चिकित्सकों व नर्सों की एक समान टीम एम्स ऋषिकेश व दिल्ली में तैयार की गई है, जो कि इस विषय में एजुकेशन व स्किल डेवलेपमेंट के लिए कार्य करेगी। जल्द ही संस्थान के ट्रामा सेंटर में मंगलवार के दिन थोरेसिक सर्जरी की ओपीडी शुरू करने की तैयारी है। जिसके माध्यम से मरीजों के परीक्षण के बाद संस्थान में दिल्ली एम्स के सहयोग से ऐसे मरीजों के ऑपरेशन नियमिततौर पर किए जाएंगे। इस अवसर पर आयोजित व्याख्यानमाला में डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता,एकीकृत स्तन चिकित्सा केंद्र की प्रमुख प्रो. बीना रवि, दिल्ली एम्स के डा. विपलव मिश्रज्ञ, डा. नरेंद्र चौधरी, संस्थान के पल्मोनरी विभागाध्यक्ष डा. गिरीश सिंधवानी, ट्रामा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, डा. मधुर उनियाल, डा. अजय कुमार ने व्याख्यान दिए। डा. गिरीश सिंधवानी ने बताया कि ऐसे केस उत्तराखंड में बहुतायत संख्या में आते हैं, मगर उन्हें अब तक राज्यस्तर पर इसका सही उपचार नहीं मिल पाता था, लिहाजा ऐसे केस दिल्ली रेफर किए जाते थे। ऐसे में संस्थान में इस प्रोग्राम के शुरू होने से जनरल एंड थोरेसिक सर्जरी के ऑपरेशन की सुविधा अब ऋषिकेश एम्स में ही मरीजों को मिल सकेगी। एम्स ट्रामा सर्जरी विभाग के असिस्टेंड प्रोफेसर व थोरेसिक सर्जरी एम्स ऋषिकेश के इंचार्ज डा. मधुर उनियाल ने बताया कि थोरेसिक सर्जरी के तहत चेस्ट वॉल, फेफड़े, प्ल्यूरा आदि की शल्य चिकित्सा छाती को खोलकर व दूरबीन विधि द्वारा की जाएगी। डा. मधुर उनियाल ने बताया कि कार्यशाला के तहत मंगलवार को पहले चरण में तीन मरीजों की छाती व फेफड़े की लाइव सर्जरी की जाएगी। इस अवसर पर डीन नर्सिंग प्रो.सुरेश कुमार शर्मा, डा. अनुभा अग्रवाल,डा. रश्मि मल्होत्रा आदि मौजूद थे।