देहरादून 11 सितम्बर 2018 (हि. डिस्कवर)
एन एक घोटाले की ही नहीं बल्कि प्रदेश भर की यह अब तक की सबसे बड़ी खबर है जब दो आईएएस अधिकारी एसआईटी जांच के बाद सस्पेंड किये गए हों। एन एच-74 घोटाले में जमीनी रिकार्ड्स को लंबे समय तक परिवर्तित करने के दोषी आइएएस अधिकारी चन्द्रेश यादव और पंकज कुमार पांडे आखिर सस्पेंड हो ही गए। अभी तीन और अधिकारियों पर एसआईटी की जांच चल रही है।
आपको बता दें कि एन एच 74 में धारा-3 के प्रकाशन के बाद 143 के अधीन जितनी भी कार्यवाही परवाने पर दर्ज हुई है वह बर्ष 2013 से लेकर 2016 तक दर्ज की जाती रही है जबकि नियमानुसार भूमि की परिस्थिति में परिवर्तन (परवाना में रिकॉर्ड दर्ज) की कार्यवाही 90 दिनों के अंदर की जाती है जबकि इनके रहते हुए यह लगातार कई बर्षों तक चलती रही।
(पकंज कुमार पांडे)
एसआईटी की जांच में ये न सिर्फ सन्देहास्पद पाए गए बल्कि इनके द्वारा जमीनी दस्तावेजों में मनचाहे रिकार्ड्स दर्ज करने की भी बात सामने आई है जिस से यह माना गया कि ये लोग एन एक घोटाले में लिप्त हैं । जिनके सस्पेंशन के बाद पूरे प्रदेश के आला अधिकारियों में हड़कम्प मच गया है क्योंकि अभी तीन और आईएएस शक के दायरे में हैं जिन पर जांच चल रही है। देखना यह है कि क्या इसके बाद इनकी गिरफ्तारी सम्भव है या ये सिर्फ सस्पेंड ही रहेंगे।
(चन्द्रेश यादव)
ज्ञात हो कि ये दोनों ही तब जिला उधमसिंहनगर में तैनात थे और अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि पूर्व सूचना सचिव व महानिदेशक के पद पर तैनात रहे पंकज कुमार पांडे से कई सफेदपोश नेताओं के तार जुड़े हुए हैं हो न हो अगर ये लम्बे नापे गए तो कई नेताओं के चेहरे भी उजागर हों। वहीं अखिल भारतीय सेवाएं (अनुपालन एवम अपील) रूल्स -1969 के नियम -3 के अधीन कार्यवाही करते हुए डॉ पंकज कुमार पांडे को तत्काल निलम्बित कर दिया गया है जिसकी महामहिम राज्यपाल ने अनुशासनिक विभागीय कार्यवाही संस्थित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।