देहरादून 16 अगस्त, 2018(हि. डिस्कवर)
शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान एवं समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। शिक्षा मंत्री द्वारा सी.बी.एस.सी. पाठ्यक्रम के गैर शासकीय विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकों के अतिरिक्त कतिपय विद्यालयों द्वारा लगाई गई अन्य पुस्तकों में एन.सी.ई.आर.टी. के दरों से ज्यादा मूल्य न रखने के मा.उच्च न्यायालय के आदेशो के अनुरूप रिपोर्ट तैयार कर मा. उच्च न्यायालय तथा शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए। इसके लिये शिक्षा मंत्री द्वारा देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिये गये।
देहरादून में अपर राज्य परियोजना निदेशक डाॅ.मुकुल सती, नैनीताल में सयुक्त निदेशक शिक्षा रघुनाथ लाल आर्य, हरिद्वार में संयुक्त निदेशक भूपेन्द्र नेगी तथा ऊधमसिंह नगर में उपनिदेशक आनन्द भारद्वाज को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
शिक्षा मंत्री पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है इसलिए शिक्षा विभाग में हड़ताल नही होनी चाहिए। इस पर विभागीय अधिकारियों को लगातार नजर रखनी चाहिए। उन्होंने पूर्व में जारी आदेश जिसमें 10 छात्र संख्या से कम वाले विद्यालयों को निकट के स्कूल में मर्ज करने के प्रकरणों में कतिपय संदिग्ध प्रकरणों की पुनः जांच करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद कतिपय विद्यालायों में छात्र संख्या का बढने की वास्तविकता की पुनः जांच कर कार्यवाही की जाय।
उन्होंने विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता बढाने के लिए कठोर कदम उठाने के निर्देश शिक्षा अधिकारियों को दिये। उन्होंने अधिकारियों से शिक्षा के हित को ध्यान में रखकर कठोर निर्णय लेने में कोई भी कोताही न बरतने के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री ने अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा सुश्री रवनीत चीमा को प्रदेश के विद्यालयों का लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने विद्यालय भवन निर्माण कार्यों में ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिये ताकि भवनों की गुणवत्ता अच्छी हो। साथ ही निर्माण करने वाले ठेकेदार से उसके द्वारा निर्माण की गई बिल्डिंग को 15 वर्षों तक देखरेख की शर्त का प्राविधान एम.ओ.यू. में करने के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री ने भारत सरकार की स्वीकृत योजनाओं मेें विद्यालयों में आई.सी.टी. योजना के अन्तर्गत कम्प्यूटर एवं नेटवर्किंग कार्य, नवाचारी गतिविधियों, योगा, बैंड प्रतियोगिता, कैरियर काॅन्सिलिंग, ग्राफिक आर्ट, गणित एवं अंग्रेजी स्पेलिंग विजार्ड, वाह्य राज्यों का भ्रमण, कला आदि कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री ने स्वीकृत 140 प्राथमिक विद्यालयों के पुनर्निर्माण एवं 204 विद्यालयों की मरम्मत के कार्य में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर अपर परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डाॅ.मुकुल सती द्वारा प्रस्तुतिकरण में अवगत कराया गया कि वर्ष 2018-19 में शिक्षा विभाग को 1055.05 करोड़ का बजट भारत सरकार से स्वीकृत हुआ है जिसमें 224.20 करोड़ रूपये विगत वर्ष का स्पिल ओवर तथा 8308.05 करोड़ रूपये नवीन योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत हुआ है। बजट में प्रारम्भिक शिक्षा हेतु 582.67 करोड़ तथा माध्यमिक शिक्षा हेतु 166.87 करोड़ एवं शिक्षक शिक्षा हेतु 81.31 करोड़ रूपये स्वीकृत हुआ है। साथ ही वर्ष 2018-19 में 474 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जानी है। आई.सी.टी. योजना के अन्तर्गत 642 नये तथा 500 विगत वर्षों के माध्यमिक विद्यालयों तथा 62 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर तथा नेटवर्किंग सुविधा उपलब्ध करायी जानी है।
बैठक में सचिव शिक्षा डाॅ.भूपेन्द्र कौर औलख, महानिदेशक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, अपर सचिव शिक्षा रवनीत चीमा, निदेशक मा./प्रा.शिक्षा श्री राकेश कुमार कुँवर, निदेशक अकादमिक श्रीमती सीमा जौनसारी, अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डाॅ. मुकुल कुमार सती, अपर निदेशक राम कृष्ण उनियाल आदि उपस्थित थे।