पिथौरागढ (हि. डिस्कवर)
जाने वह मोब लिंचिंग …मोब्लिंचिंग चिल्लाने वाला गैंग तब कहाँ गायब हो जाता है जब किसी हिन्दू बेटी की अस्मत पर आ बनती है! आखिर एक बिशेष समुदाय के ही लोग क्यों ऐसे प्रकरणों में बार- बार पकडे जाते हैं और क्यों इनकी तरफदारी में हमारे ये सो काल्ड लोकतंत्र के रक्षक आगे आकर इन्हें बचाने का प्रयास करते हैं! अब घटना हुई तो कहने लगते हैं कि किराए पर क्यों रखा! पहले पूरी छानबीन करनी थी! पहाड़ का आदमी हर किसी को अपने जैसे सीधा सच्चा व ईमानदार समझता है उसे नहीं पता होता है कि इसका पहचान-पत्र देखकर ही इसे किराए पर रखना है!
यहाँ भी एक बिहारी मुस्लिम व्यक्ति आकाश बनकर सीधे पिथौरागढ पहुंचता है जहाँ वह कारपेंटरी का काम करते हुए एक स्थानीय नाबालिक लड़की पर डोरे डालना शुरू करता है! वह उसे अपना नाम आकाश बताता है और उस से दोस्ती गांठना शुरू कर देता है! अपने मायाजाल में लड़की को फांसने के बाद वह लड़की के घर ही किराए पर अपना आशियाना ढूंढ लेता है लेकिन मात्र 10 दिन ही हुए थे कि एक दिन वह लड़की से छेड़खानी करते हुए घर के लोगों के हत्थे चढ़ जाता है!
विगत 1 सितंबर को थाना कोतवाली पिथौरागढ़ में लड़की के घरवालों ने सूचना दी कि उसकी एक व्यक्ति के साथ तीन-चार महीने पहले मुलाकात हुई और उसने अपना नाम आकाश बताया। विगत
31/8/2019 को उस व्यक्ति ने वादी की पुत्री के साथ छेड़खानी करने का प्रयास किया जिसे सबने धर दबोच लिया! व उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए बोला तो अभियुक्त द्वारा जान से मारने की धमकी दी गयी ।
पुलिस अधीक्षक के कहने पर नाबालिक लड़की के परिवार की तरफ से कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी व वादी की तहरीर पर श्रीमान पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ आर सी राजगुरु के आदेशानुसार पुलिस उपाधीक्षक राजेन्द्र सिंह रौतेला के निर्देशन में थाना कोतवाली पिथौरागढ़ में प्रभारी निरीक्षक ओम प्रकाश शर्मा के पर्यवेक्षण में अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने अभियुक्त को विस्डम स्कूल तिराहे पिथौरागढ़ से दिनाँक 01/09/2019 की सायं गिरफ्तार किया । अभियुक्त आकाश ने अपना असली नाम नौशाद मियां पुत्र सरफुद्दीन मियां मूल निवासी वार्ड 19 भोगाड़ी हरपुर पश्चिमी चंपारण टोला ,बिहार हाल निवासी पियाना पिथौरागढ़ बताया। उक्त के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 107/2019 , धारा 354/506 भा0द0वि0 एवं 7/8 पॉक्सो अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत किया गया तथा अभियुक्त को न्यायालय में पेश किया गया ।
यह इस प्रदेश का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है कि आये दिन ऐसी घटनाएँ आम हो रही हैं लेकिन हम अपने बच्चों के उपर निगरानी नहीं रख पा रहे हैं जबकि बाहरी व्यक्तियों को हम ही बिना जांच पड़ताल के शह देते हैं और बाद में क़ानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं! मेरा यह कहना कदापि नहीं है कि देश के अन्य हिस्सों से आये लोगों को उत्तराखंड में पनाह देना गलत है लेकिन इतना कहना जरुर है कि हम जिसे भी किराए पर रखें पहले उसका पूरा हुलिया जान लें वरना यहाँ नौशाद मियाँ जैसे कई और भी आकाश बनकर घूमते मिल जायेंगे!