नई दिल्ली, नवम्बर 2 नवम्बर 2018 (हि. डिस्कवर)
इसको कहते हैं सिर मुंडाते ही ओले पड़ना और ऐसा ही कुछ उमेश कुमार के साथ भी हो रहा है! विगत दिन इंडियन फेडरेशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट ने साफ़ कह दिया की उनका इस शख्स से कोई लेना देना नहीं है! समाचार प्लस न्यूज चैनल के मालिक-सम्पादक उमेश कुमार शर्मा (जो रंगदारी, भयादोहन तथा उगाही के आरोप में देहरादून के शुद्धोवाल जेल में बंद हैं) का इण्डियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) से कोई भी वास्ता या रिश्ता नहीं है। यह स्पष्टीकरण आज (IFWJ) के राष्ट्रीय प्रधान सचिव विपिन धूलिया ने दिया। उत्तराखण्ड तथा गाजियाबाद पुलिस के संयुक्त दल ने उमेश शर्मा को गत शनिवार उनके इन्दिरापुरम आवास और नोयडा स्थित समाचार प्लस कार्यालय पर छापा मारकर गिरफ्तार किया था। अतिरिक्त मुख्य दंडाधिकारी रिंकी साहनी ने शर्मा की जमानत की अर्जी खारिज कर दी। उमेश शर्मा स्वयं और हेमंत तिवारी को IFWJ का “राष्ट्रीय उपाध्यक्ष” बताते हैं।
पुलिस ने उमेश शर्मा के आवास से अमरीकी डॉलर तथा थाइलैण्ड की मुद्रा तथा नकद चालीस लाख रूपये जब्त किया। वकील परमानन्द पान्डे़ ने जयपुर में 29 जून 2016 को एक बैठक में उमेश शर्मा और हेमंत तिवारी को “राष्ट्रीय उपाध्यक्ष” नामित किया था। पांण्डे़ ने तीसरा राष्ट्रीय अध्यक्ष भोपाल के कृष्ण मोहन झा को नामित किया था। इन्हीं महाशय श्री कृष्ण मोहन झा की अग्रिम जमानत की याचिका संख्या : MERE-12721-2017 को जबलपुर उच्च न्यायालय ने (1 सितम्बर 2017) खारिज कर दी थी। झा पर आरोप है कि वे कुछ न्यूज चैनलों को बिना लाइसेंस के चला करउगाही करते थे। पाण्ड़े ने उमेष शर्मा को “विदेश सचिव” भी नियुक्त किया था। उमेश शर्मा ने दो वर्ष पूर्व घोषणा की थी कि वे साठ-सदस्यीय “पत्रकार” दल को शीघ्र पाकिस्तान ले जायेंगे।
उमेश शर्मा के समाचार प्लस में कार्यरत पत्रकार श्री आयुष गौड़ ने देहरादून के राजपुर थाने में 10 अगस्त को प्राथमिकी संख्या100/8 दर्ज करायी थी कि उमेश शर्मा “स्टिंग ऑपरेशन” से राज्य के प्रमुख सचिव तथा अन्य अधिकारियों को फँसाने की योजना बना रहे हैं। मकसद उगाही था। इसके पूर्व उमेश शर्मा भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल और कांग्रस नेता हरीश रावत पर भी ऐसी हरकत कर चुके हैं। सहारनपुर के एक साधारण परिवार में जन्में 38-वर्षीय उमेश शर्मा आज अकूत चल-अचल संपत्ति के स्वामी हैं। उमेश शर्मा पर 2500अपराधिक मामले दर्ज थे जो भाजपा सरकार ने वापस ले लिऐ हैं। उन्हें केन्द्रीय सुरक्षा बल द्वारा निजी सुरक्षा दी गयी। राज्स शासन ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से इसे वापस लेने को कहा है। एडीजे (पुलिस) अषोक कुमार कार्यवाही कर रहे हैं।
श्री विपिन धूलिया ने ऐसी अनैतिक पत्रकारिता की भर्त्सना की है। फर्जी पत्रकारों के विरुद्ध IFWJ अपना अभियान और तेज करेगा।