Sunday, September 8, 2024
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अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति हेतु अनिवार्य रूप से बजट का प्राविधान किया जाएः यशपाल आर्य

देहरादून 08 अगस्त, 2019(हि.डिस्कवर)

  • सभी विभागों द्वारा एक्ट के अनुरूप अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति हेतु अनिवार्य रूप से बजट का प्राविधान किया जाए!
  • एससी-एसटी बाहुल्य क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर योजना का सत्यापन किया जाएगा

सचिवालय में समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने सभी विभागों द्वारा बजट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास, बजट प्राविधान, स्वीकृति एवं व्यय सम्बन्धी प्रगति की समीक्षा की। कैबिनेट मंत्री आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग एक्ट के अनुरूप अनुसूचित जाति हेतु 18 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति हेतु 3 प्रतिशत का प्राविधान अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी बाहुल्य क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यां का स्थलीय निरीक्षण कर सत्यापन भी किया जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन विभागों द्वारा भारत सरकार को यूटीलाईजेशन सर्टिफिकेट (यू.सी.) नहीं भेजी हैं, वे शीघ्र उपलब्ध कराएं।

कैबिनेट मंत्री आर्य ने कहा कि विभाग द्वारा अपने निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्धता के साथ पूर्ण कर लिया जाना चाहिए। उन्होंने विभागों द्वारा बजट व्यय न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यों में तेजी लाते हुए बजट को सुनियोजित तरीके से लक्ष्यवार व्यय किया जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में अनुसूचित जाति एवं जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों हेतु प्रस्तावों से समाज कल्याण विभाग को भी अवगत कराया जाए। साथ ही केन्द्र को भेजे गए प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु विभागीय स्तर पर भी विशेष प्रयास किये जाएं।

कैबिनेट मंत्री आर्य ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास को निर्देश देते हुए कहा कि एससी-एसटी बाहुल्य क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण के लिए प्रस्ताव हेतु ब्लॉक स्तर अधिकारियों को शीघ्र निर्देशित किया जाए। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहे लोगों पर विशेष ध्यान देते हुए योजनाओं के प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर सचिव एल. फनाई एवं अरविन्द सिंह ह्यांकी, निदेशक जनजाति कल्याण सुरेश चन्द्र जोशी सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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