Sunday, September 8, 2024
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अधिवक्ता करगेती की बड़ी जीत..! गीताराम नौटियाल सहित सात लोगों की गिरफ्तारी को शासन की हरी झंडी!

(मनोज इष्टवाल)

सचमुच पैंसे की ताकत कितनी होती है यह भी इस प्रकरण ने दिखा दिया और यह भी कि अंत में सत्य की ही विजय होती है! जिस हाईकोर्ट के अधिवक्ता चन्द्रशेखर करगेती ने छात्रवृत्ति घोटाले को आम जनता के समुख रख पूरे विभाग में हो रहे करोड़ों के घोटाले पर आम जन मानस का ध्यान खींचा उसी आम जनमानस ने उस समय करगेती के समर्थन से हाथ पीछे खींच लिए जब उन्हें इसकी सख्त आवश्यकता थी!

अधिवक्ता चन्द्रशेखर करेगती

हमें हर बार यही सुनने को मिलता है कि यह मामला कोर्ट का है इसलिए हम इस पर कुछ बोल नहीं सकते ! सच भी यही है क्योंकि आम जनता कोर्ट की प्रोसीडिंग के बारे में जानती नहीं है! उसी का लाभ उठाते हुए भ्रष्टाचारी टीम ने जजमेंट को अपने फेवर में करने के लिए न जाने कितनी बार चन्द्रशेखर करगेती को प्रलोभन दिया न जाने कितनी धमकियां भी दी या दिलवाई! जब उनका वश नहीं चला तब सिस्टम ने मोटा पैंसा देकर एक अधिवक्ता के विरुद्ध ही नन-वेलेबल वारंट निकलवा दिया! छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करते ये लोग उच्च पदों पर आसीन थे व छात्रवृत्ति का पैंसा हर बर्ष मन चाहे ढंग से डंकार रहे थे! फिर उन जरुरतमंद छात्रों की परेशानियों को समझने वाला एक मसीहा बन अधिवक्ता चंद्रशेखर करगेती सामने आया और आरटीआई व विभिन्न माध्यमों से करोड़ों के इस स्कैम का पर्दाफ़ाश किया लेकिन यह आश्चर्यजनक रहा कि न उन छात्रों के अभिवाहक ही कभी करेगती के साथ दिखे न छात्र ही! सबकी लड़ाई अकेले काँधे पर लड़ने वाले करगेती के परिवार ने कितनी प्रताड़नायें इस दौरान झेली यह भला चन्द्रशेखर करगेती से ज्यादा कौन जान सकता है लेकिन हम ऐसे मरे समाज के लोग हैं जो सच के पक्ष में खड़े होने से भी सकुचाते हैं!

इस लड़ाई में या इस स्कैम में न सिर्फ अधिकारियों पर ही आंच आई है बल्कि विभागीय मंत्री के दामन तक भी इस प्रकरण के छींटे पड़े हैं! हो न हो इस प्रकरण की सच्चाई के बाद उनसे उनके पद पर बने रहने का अधिकार भी छिन जाए क्योंकि मैं चन्द्रशेखर करेगती जैसे वकील से भली भाँती वाफिक हूँ ! वह व्यक्ति जब तक इस भ्रष्टाचार की अंतिम कड़ी तक नहीं पहुंचेगा तब तक चैन से नहीं बैठेगा !

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संयुक्त निदेशक पद पाने के लिए एक व्यक्ति ने पांच करोड़ रूपये देकर पद अर्जित किया तो स्वाभाविक सी बात है कि वह पांच की जगह 10 करोड़ का स्कैम किये बिना नहीं रुकता! वह खुलकर सचिवालय में भी कहता रहा है कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि मैंने सबको खरीदा हुआ है! यह घोटाला भाजपा सरकार के काल का नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार के काल से चला आ रहा बहुत बड़ा घोटाला है जिसमें समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक, समाज कल्याण अधिकारी व सहायक समाज कल्याण अधिकारी सहित दर्जनों आला अफसरों की संलिप्तता होनी बतायी जा रही है ! साथ ही इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि यह सारा घोटाला सफ़ेदपोशों की मिलीभगत का कारण है!

अधिवक्ता चन्द्रशेखर करगेती की यह सबसे बड़ी जीत कही जा सकती है क्योंकि अब जिला समाज कल्याण अधिकारी शंखधर के बाद शासन ने संयुक्त निदेशक समाज कल्याण गीताराम नौटियाल सहित सात के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दे दी है!

ज्ञात हो कि एसआईटी ने शासन से इन सात अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति मांगी थी जिनमें संयुक्त निदेशक समाज कल्याण गीता राम नौटियाल सहित पूर्व जिया समाज कल्याण अधिकारी दीपराज अग्निहोत्री, सहायक समाज कल्याण अधिकारी खानपुर सोमप्रकाश, सहायक समाज कल्याण अधिकारी भगवानपुर विनोद नैथानी, सहायक समाज कल्याण अधिकारी लक्सर मुनीश त्यागी इत्यादि प्रमुख है! विगत मंगलवार को सचिव समाज कल्याण द्वारा सभी आरोपियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी देने के पश्चात अपर सचिव समाज कल्याण राम विलास यादव ने विधिक राय मिलने के बाद अभियोजन चलाने की मंजूरी दे दी है! अब शासन द्वारा एसआईटी को अभियोजन चलाने की मंजूरी मिलते ही इन सबके ऊपर मुकदमा चलना तय है वहीँ जल्दी ही गिरफ्तारी भी हो सकती है!

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