Saturday, July 27, 2024
Homeउत्तराखंडसांस्कृतिक विरासत ! -- 47 बरस बाद बैंजी कांडई में पांडव नृत्य...

सांस्कृतिक विरासत ! — 47 बरस बाद बैंजी कांडई में पांडव नृत्य का आयोजन, गढवाली में हुआ चक्रव्यूह मंचन। गाँव मे लौटी रौनक..।

(ग्राउंड जीरो से संजय चौहान)।

इन दिनों पहाड़ के गांवो में पांडव नृत्य की धूम है। गाँवों में लंबे अरसे बाद रौनक लौट आई है। आपको बताते चलें की पांडव नृत्य उत्तराखंड के पहाड़ की पौराणिक सांस्कृतिक विरासत है। यहां के गाँवों में हर साल पांडव नृत्य का आयोजन किया जाता है। जो अनादि काल से पीढ़ी दर पीढ़ी आयोजित होते आ रहें हैं। उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जनपद मे पांडव नृत्य की अपनी अलग ही पहचान है।

केदार घाटी के अगस्तमुनि ब्लाक के बैंजी कांडई (तल्ला नागपुर) में गाँव के युवाओं की पहल पर 47 बरस बाद गाँव मे पांडव नृत्य का आयोजन किया गया। इस आयोजन के दौरान पूरी दशज्यूला कांडई पट्टी के गाँवों में रौनक देखने को मिली। 47 बरस बाद आयोजित हो रहे पांडव नृत्य को देखने बरसों से घर नहीं आये लोग भी गाँव पहुंचे। बेंजी गाँव में 25 नवम्बर से पांडव नृत्य का आयोजन शुरू हुआ था। आज जगतोली के विशाल मैदान में पांडव नृत्य के दौरान गढ़वाली में उत्सव ग्रुप द्वारा चक्रब्यूह मंचन की शानदार प्रस्तुति दी गई। जिसमें उत्सव ग्रुप के बेहतरीन, बेजोड़ रंगकर्मी और संस्कृतिकर्मीयों नें अपनी प्रस्तुति से लोगों को भाव विभोर कर दिया। खासतौर पर चक्रव्यूह मंचन में अभिमन्यू वध का मंचन बेहद मार्मिक और भावुक था। इस दौरान दूर दूर से आये लोगों की आंखे अभिमन्यू वध को देखकर छलछला गई। अभिमन्यू की भूमिका में लखपत सिंह राणा नें अपनी शानदार प्रस्तुति से हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

बैंजी कांडई गाँव के निवासी और उच्च न्यायालय नैनीताल में अधिवक्ता, संस्कृतिकर्मी, कवि और साहित्यकार जयवर्धन कांडपाल और पीयूष कांडपाल का कहना है कि इस प्रकार के आयोजन से सूने पड़े गांवो मे रौनक लौट आई है जो की एक सुखद अहसास है। जबकि पाडंव नृत्य हमारी पौराणिक सांस्कृतिक विरासत है। इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए लोगों को आगे आना होगा। कोशिश की जानी चाहिए की इस पौराणिक विरासत को आने वाली पीढ़ी तक पहुँचाया जाय। गाँव में 47 बरस बाद आयोजित पाडंव नृत्य से पूरे गाँव की रौनक लौट आई है। उत्सव ग्रुप द्वारा आयोजित गढवाली में चक्रव्यूह मंचन नें तो चार चाँद लगा दिये।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES

ADVERTISEMENT